Hamirpur News : कॉलेज सहायक प्रोफेसर को ज्वाइनिंग के लिए बहाना पड़ा पसीना

प्रदेश उच्च न्यायालय के डबल बैंच ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए 21 अप्रैल को सुनवाई तय की। लेकिन इससे पहले ही उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उच्च न्यायालय के मामले की भनक लग गई और उन्होंने 20 अप्रैल को ही डॉ. सुनील पाठक को ज्वाइनिंग दे दी है।
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TGT Teacher

हमीरपुर ।  प्रदेश सरकार और उच्चाधिकारियों के बीच आजकल तनातनी का माहौल बना हुआ है। प्रदेश सरकार के आदेशों का पालन करने में उच्चाधिकारी पंगु बने हुए हैं। अब मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गृह जिले में एक कॉलेज कैडर के असिस्टेंट प्रोफेसर को बड़सर कॉलेज में ज्वाइन करने के लिए सोलह दिन तक पसीना बहाना पड़ा है। दरअसल नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर के वनस्पति विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुनील पाठक का तबादला एक अप्रैल 2023 को राजकीय महाविद्यालय बड़सर के लिए हुआ। जबकि हमीरपुर कॉलेज में वनस्पति विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सुजानपुर कॉलेज में सेवारत युवा कांग्रेस नेता डॉ. चंदन राणा की धर्मपत्नी डॉ. कल्पना भंडारी का तबादला हुआ।



सरकार द्वारा जारी तबादला आदेश मिलने के बाद चार अप्रैल को डॉ. सुनील पाठक हमीरपुर कॉलेज से पदमुक्त हुए और वह ज्वाइनिंग देने के लिए राजकीय डिग्री कॉलेज बड़सर पहुंच गए। लेकिन उन्हें यहां ज्वाइनिंग नहीं दी गई। ज्वाइनिंग न मिलने से डॉ. सुनील पाठक को मानसिक और आर्थिक हानि झेलनी पड़ी। इसके बाद डॉ. सुनील पाठक उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को ईमेल भेजकर अपने तबादले और ज्वाइनिंग न मिलने की जानकारी दी।

इस मामले में त्वरित कार्रवाई न होने पर डॉ. सुनील पाठक ने प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।  प्रदेश उच्च न्यायालय के डबल बैंच ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए 21 अप्रैल को सुनवाई तय की। लेकिन इससे पहले ही उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उच्च न्यायालय के मामले की भनक लग गई और उन्होंने 20 अप्रैल को ही डॉ. सुनील पाठक को ज्वाइनिंग दे दी है।

हालांकि असिस्टेंट प्रोफेसर को ज्वाइनिंग न देने के पीछे पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के कारण विस क्षेत्र में आचार संहिता लागू होने का तर्क दिया जा रहा है। लेकिन जब एक असिस्टेंट प्रोफेसर संबंधित कॉलेज से रिलीव हो चुका हो और दूसरे कॉलेज में ज्वाइन करने न मिले तो इससे न केवल शिक्षक को मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ता है। बल्कि संबंधित कॉलेज के विद्यार्थियों को भी पढ़ाई के रूप में भारी नुकसान झेलना पड़ता है। कॉलेज शिक्षक संघ ने भी इस मामले में नाराजगी जाहिर की है।



उधर, डिग्री कॉलेज बड़सर  प्रधानाचार्य  डॉ. अश्वनी शर्मा  ने कहा कि हमीरपुर कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर का बड़सर कॉलेज के लिए तबादला आदेश जारी हुए हैं। लेकिन पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के कारण विस क्षेत्र में आचार संहिता लागू है। इसके चलते निर्वाचन आयोग से इस संदर्भ में अनुमति मांगी गई थी। 19 अप्रैल को निर्वाचन आयोग से अनुमति मिली है, इसके बाद 20 अप्रैल को संबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर को ज्वाइनिंग दे दी है।

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