बड़सर विस क्षेत्र में अपने ही ले डूबे कांग्रेस को : परमजीत ढटवालिया

बड़सर विस क्षेत्र में कांग्रेस को ठेकेदार ही मरवा गये। कांग्रेस ने पुराना ब्लॉक अध्यक्ष हटाया ठेकेदार, नया बनाया वह भी ठेकेदार । मंत्री राजेश धर्माणी और नए ब्लॉक अध्यक्ष ने वरिष्ठ कांग्रेस को बिना पूछे जोन बनाए, उन सभी जोनों के प्रभारी भी ठेकेदारों को बनाया। ठेकेदार सारे लखनपाल के साथी थे।
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Photo : Parmjeet Dhatwalia

हमीरपुर  ।  बड़सर विस क्षेत्र में कांग्रेस को ठेकेदार ही मरवा गये। कांग्रेस ने पुराना ब्लॉक अध्यक्ष हटाया ठेकेदार, नया बनाया वह भी ठेकेदार । यह शब्द समाजसेवी परमजीत ढटवालिया ने जारी प्रेस बयान में कहें।  उन्होंने कहा कि मंत्री राजेश धर्माणी और नए ब्लॉक अध्यक्ष ने वरिष्ठ कांग्रेस को बिना पूछे जोन बनाए, उन सभी जोनों के प्रभारी भी ठेकेदारों को बनाया। ठेकेदार सारे लखनपाल के साथी थे। लखनपाल ने इन ठेकेदारों के साथ मिलकर बड़सर को लूटकर जिस कांग्रेस को मृत स्यां पर डाला था। 

धर्माणी और ब्लॉक अध्यक्ष ने उन्हीं सब ठेकेदारों को चुनाव की बागडोर दे दी। हर जोन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं जो मृत स्यां पर डाला हुआ था उसे फिर लगा कि ये तो अब फिर इनकी ही चलेगी ये फिर बैसी ही लूट मचाएंगे। इन ठेकेदारों ने लखनपाल के कहने पर फिर कांग्रेस पर कब्जा कर लिया और उधर लखनपाल को फोन पर सारी जानकारी देते रहे। ब्लॉक अध्यक्ष समेत कभी किसी ठेकेदार ने लोगों में लखनपाल के खिलाफ कोई शब्द बोले तो बताओ।जितने टिकटार्थी थे सबने अपनी अपनी रोटियां सेकीं।

सुभाष की सराफ़त का नजायज फ़ायदा उठायाऔर अधिकतर  कांग्रेस की वोट लखनपाल को डलबाने में कामयाब हो गये। बाहर के प्रभारी जो लगाये गए बो भी इनकी चंगुल में फसकर इनके हिसाब से ही ऊपर रिपोर्ट करते रहे। इनमें से कोई भी डोर टू डोर गाँब में नहीं गया। सबने गाँब में न जाकर एक जगह बैठ कर  मीडिया में फ़ोटो डालने पर ही विस्बास रखा। लोकल पत्रकारों से बात न कर बाहरी पत्रकारों को ओब्लाइज करते रहे लोकल मीडिया भी नाराज कर दिया। आज भी अधिकतर गाँब ऐसे हैं जहाँ ये लोग पहुँचे ही नहीं। अभी भी कांग्रेस को जिंदा रखना है तो ठेकेदारों को पीछे कर कार्यकर्ताओं को अधिमान देना होगा।

इनकी वजह से कर्मचारी वर्ग भी निडर होकर लखनपाल की ही मदद करता रहा। जिससे  कांग्रेस कार्यकर्ता डिमोरलाइज हुआ और अपनी वोट डालने तक ही सीमित रहा। ये सब ठेकेदार अपने अपने क्षेत्र में बद से बदनाम थे उसके बावजूद इन्हें ही अधिमान दिया गया। लोगों की शिकायत के बाबजूद इन्हें हटाया नहीं गया लोगों के पास ये जा नहीं सकते थे तो ये गाड़ियों में ही घूमते रहे खाना पीना ठीक रखा और काम भी नहीं किया। मुख्यमंत्री का नाम औऱ भाजपा के लोगों की मदद के बाबजूद भी  कांग्रेस यहाँ हारी। अभी भी समय है अगर बड़सर में  कांग्रेस को जिंदा रखना है तो  कांग्रेस कार्यकर्ताओं  को अधिमान देना होगा।

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