बिझड़ी कृषि विक्रय केंद्र पर लटका ताला, चरी बाजरा के बीज के लिए किसान परेशान

किसानों को सस्ती दरों पर बीज देने के दावे प्रदेश सरकार करती है, लेकिन जब बिजाई का मौसम होता है तो बीज विक्रय केंद्रों पर ताले लटके रहते हैं । मामला अगर किसी दूर दराज के विक्रय केंद्र का हो तब भी बात हजम की जा सकती है। लेकिन अगर 52 पंचायतों के मुख्य विक्रय केंद्र पर ही ऐसे हालात हों तो किसे दोष दिया जाए।  
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हमीरपुर । किसानों को सस्ती दरों पर बीज देने के दावे प्रदेश सरकार करती है, लेकिन जब बिजाई का मौसम होता है तो बीज विक्रय केंद्रों पर ताले लटके रहते हैं । मामला अगर किसी दूर दराज के विक्रय केंद्र का हो तब भी बात हजम की जा सकती है। लेकिन अगर 52 पंचायतों के मुख्य विक्रय केंद्र पर ही ऐसे हालात हों तो किसे दोष दिया जाए। मामला कृषि विक्रय केंद्र बिझडी का है जहाँ पर किसानों को अक्सर ताला जड़ा हुआ मिलता है। आजकल बिजाई के लिए चरी बाजरा के बीज के लिए किसान लगातार इस विक्रय केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन भीषण गर्मी के बीच किराया खर्च कर  किसान जब यहाँ पहुँचते है तो उन्हें ताला देखकर मायूसी हाथ लगती है।
वहीं दूसरी तरफ जानकारी यह भी है कि क्षेत्र की सोसायटियों में डिमांड के मुताबिक बीज सप्लाई न होने से चरी बाजरा मात्र एक दिन में ही खत्म हो गया। जानकारी के मुताबिक अगर सोसाइटी से डिमांड 15 क्विंटल की आती है तो उसे 7 क्विंटल बीज भेज कर इतिश्री कर दी गई । जबकि मुख्य विक्रय केंद्र बिझडी पर ताला लगा रहता है। हालांकि हेड ऑफिस शिमला से मिली जानकारी के मुताबिक बीजों की खेप समय रहते भेज दी गई है । तो फिर सवाल ये है कि किसानों को जरूरत के मुताबिक बीज क्यों नहीं मिल पाते। किसान बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीदने पर मजबूर हैं। मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बावजूद अगर किसानों को बीज नहीं मिल पा रहे तो बाकी जिलों की बात यहीं से समझी जा सकती है।
हालांकि अगर उच्चाधिकारियों से बात की जाए तो कहा जाता है कि समय पर डिमांड के मुताबिक बीजों की खेप भेजी जा चुकी है। लेकिन अगर धरातल पर नजर दौड़ाई जाए तो किसान बीज के लिए दर दर  घटकर परेशान हो रहे हैं।   हैरानी की बात है कि जब उच्चाधिकारियों से कृषि विभाग बिझडी के बंद पड़े विक्रय केंद्र थ संबंध में बात की गई तो कहा गया कि विक्रय केंद्र खोल दिया गया है । लेकिन जब मौके पर जाकर देखा तो विक्रय केंद्र  पर ताला ही लटका मिला। हालांकि बाद में विक्रय केंद्र का ताला खोल दिया, लेकिन चरी बाजरा के बीज उपलब्ध नहीं है जबकि मक्की के बीज मौजूद है। सवाल यह है कि अगर बजाई के सीजन के दौरान बीज ही उपलब्ध न होंगे तो कृषि विभाग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में ज़रूर नज़र आती है।
 उधर,  डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग हमीरपुर शशि पाल अत्री ने बताया कि विक्रय कें खोलने के आदेश दे दिए गए हैं। अगर बीज वितरण में किसी प्रकार की कोताही हो रही है तो इसकी जांच है की जाएगी। 

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