देश और दुनिया के प्रख्यात सिद्ध पीठ दियोटसिद्ध में रविवार को होगा गुरु पूर्णिमा का भव्य आयोजन

दियोटसिद्ध की गुरु पूर्णिमा में कार्यक्रम की रूपरेखा महंत आवास प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 2 जुलाई रविवार को नाम-दान समारोह दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 7 बजे तथा 3 जुलाई को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलेगा। जबकि चौकी संकीर्तन में प्रख्यात लोक गायकों की तिकड़ी रविवार शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक बाल योगी बाबा बालक नाथ की महिमा का गुणगान करेगी।
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Mahant Temple Deotsdih

हमीरपुर । उत्तरी भारत के प्रसिद्ध शक्ति पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में 2 व 3 जुलाई  को गुरु पूर्णिमा का पर्व प्राचीन सिद्ध परम्पराओं व सिद्ध मान्यताओं के अनुसार पूरी भव्यता से मनाया जा रहा है । बाबा बालक नाथ चैरिटेबल  ट्रस्ट  इसका आयोजन काफी वर्षों  से महंत श्री श्री श्री 1008 राजेंद्र जी गिरी महाराज के दिशा निर्देशों पर सफल संचालन करता रहा है।  पूरे  भारत में  मनाए जाने वाले इस पर्व की दियोटसिद्ध में छटा अनोखी व नायब रहती है। महंत  आवास प्रशासन की ओर से गुरु पूर्णिमा पर्व की  तमाम  तैयारियों  पूरी कर ली है।

गौर रहे कि स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ  उत्तरी भारत व देश के अन्य हिस्सों के साथ विदेशी मूल के श्रद्धालु भी इस आयोजन में पहुंचना अपना सौभाग्य समझते हैं । बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध धौलागिरी पर्वत के सुरम्य शिखर पर 2 जुलाई को पंजाब और हिमाचल के प्रख्यात गायक रीना धीमान, विजय रत्न शर्मा और संदीप सूद द्वारा  बाबा जी का गुणगान और  भव्य बख्यान में धमाल मचाएंगे।

 दियोटसिद्ध की गुरु पूर्णिमा में कार्यक्रम की रूपरेखा महंत आवास प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 2 जुलाई रविवार को नाम-दान समारोह दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 7 बजे तथा 3 जुलाई को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलेगा। जबकि चौकी संकीर्तन में प्रख्यात लोक गायकों की तिकड़ी रविवार शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक बाल योगी बाबा बालक नाथ की महिमा का गुणगान करेगी।


गुरु-शिष्य की परम्परा महंत श्री को है वाकसिद्धि का वरदान

बाल योगी बाबा बालक नाथ के साक्षात प्रतिनिधि व वर्तमान में गद्दीनशीन महंत श्रीश्रीश्री1008 राजेंद्र गिरी जी महाराज को वाक सिद्धि वरदान है । जिस कारण से दियोटसिद्ध में महंतों की सदियों पुरानी गद्दी पर यह वरदान श्रद्धालुओं के फलीभूत होता आया है। शायद यही कारण है कि बाबा के श्रद्धालुओं में गुरु पूर्णिमा के दिन नाम-दान लेने की होड़ सी मची रहती है।
वहीं  पूरे विश्व में बाबा बालक नाथ के धाम दियोटसिद्ध सिद्ध पीठ में ही गुरु-शिष्य परम्परा के तहत प्राचीन सिद्ध मान्यताओं व परम्पराओं का निर्वहन करने वाले सिद्ध पुरुष को महंत बनने का सौभाग्य मिलता है। इस परम्परा के अनुसार पूरी दुनिया में सिर्फ इसी सिद्ध पीठ में देखी जाती है। गद्दीनशीन महंत को वाक सिद्धि वरदान व इस गुरु-शिष्य परम्परा के तहत भी गुरु पूर्णिमा को यहां नाम-दान का बड़ा व विशेष महत्व माना जाता है।


गद्दीनशीन महंत को बाबा के भक्त मानते हैं बाबा बालक नाथ का साक्षात् प्रतिनिधि
 
प्राचीन धार्मिक परम्पराओं व लोक गाथाओं के मुताबिक दियोटसिद्ध की पावन सिद्ध स्थली पर गद्दीनशीन महंत को बाबा बालक नाथ  के भक्त बाबा जी का साक्षात प्रतिनिधि व मुख्य सेवक  मानते हैं । उनका मानना है कि गुरु पूर्णिमा के दिन महंत से श्रद्धालुओं का संबाद में हुआ वाक अबस्य फ़लीभूत होता है। यद्यपि गुरु पूर्णिमा उत्सव मंदिर के गद्दीनशीन महंत और महंत आवास प्रशासन द्वारा ही आयोजित किया जाता है। श्रद्धालुओं के खाने और रहने की पूरी व्यबस्था उन्हीं के द्वारा की जाती है, लेकिन जो भी श्रद्धालु  इस पर्व में शिरकत करते हैं वो बाबा की गुफा के दर्शन भी करते हैं।


वहीं, प्रख्यात लोक गायक विजय रत्न ने कहा कि  बाबा के गुणगान के लिए मुझे बुलाया जाना मेरा नसीब है।  बाबा बालक नाथ सिद्ध धाम की सिद्ध धरा पर बाबा की संकीर्तन चौकी में मुझे बुलाया जाना मेरा नसीब है। शायद पूर्व जन्म या इस जन्म का कोई सत्कर्म रहा होगा, जो मुझे सिद्ध सरकार के दरबार की सेवा प्राप्त हुई है।
उधर,  महंत आवास प्रशासन के मुख्य प्रवंधक डॉ हरबंस लाल डोड ने बताया कि 2 जुलाई से लेकर 3 जुलाई तक चलने वाले गुरु पूर्णिमा समारोह की तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नाम-दान, सिद्ध संवाद व दर्शनों के लिए पहुंचने वाले तमाम श्रद्धालुओं से महंत श्री आवास प्रशासन अपील करता है कि वह इस सिद्ध आयोजन की पावनता को ध्यान में रखते हुए सफाई का विशेष ध्यान रखें। कूडा-कर्कटों के लिए चिन्हित व निहित डस्टबिनों का प्रयोग करें। पुलिस प्रशासन व मंदिर न्यास प्रशासन की व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। क्योंकि अनुशासन, पावनता व मर्यादा ही इस सिद्ध आयोजन की विशेषता होगी।


उधर,  मंदिर न्यास अध्यक्ष एवं  एसडीएम बड़सर  डॉ रोहित शर्मा ने बताया कि गुरु पूर्णिमा उत्सव पर मंदिर न्यास का पूरा सहयोग रहेगा। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इस का विशेष ध्यान रखा जाएगा।


 

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