Hamirpur News: विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस धरती पुत्र और भाजपा दे रही बड़सर की अनदेखी का नारा

बड़सर विधानसभा उपचुनाव में पहली बार यहां मुकाबला राजपूत बनाम ब्राह्मण होगा।  विधानसभा उपचुनाव में  सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य यहां मुख्य मुद्दे हैं। बड़सर विस क्षेत्र के उपचुनाव में जातीय- क्षेत्रीय समीकरणों के बीच मुख्यमंत्री फैक्टर चर्चा में है।
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BJP & Congress

हमीरपुर । बड़सर विधानसभा उपचुनाव में पहली बार यहां मुकाबला राजपूत बनाम ब्राह्मण होगा।  विधानसभा उपचुनाव में  सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य यहां मुख्य मुद्दे हैं। इस सब के बावजूद कांग्रेस प्रचार के दौरान सीएम फैक्टर के साथ ही धरती पुत्र का नारा दे आगे बढ़ रही है । तो वहीं भाजपा बड़सर की अनदेखी का मामला उठाकर कांग्रेस को घेरने का प्रयास कर रही है। बड़सर विस क्षेत्र के उपचुनाव में जातीय- क्षेत्रीय समीकरणों के बीच मुख्यमंत्री फैक्टर चर्चा में है। भाजपा - कांग्रेस के प्रत्याशी तय होने से प्रचार ने गति पकड़ ली है। सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य मुख्य मुद्दे हैं।

 कांग्रेस धरती पुत्र का नारा देकर आगे बढ़ रही है, तो वहीं भाजपा बड़सर क्षेत्र की अनदेखी का मामला उठाकर कांग्रेस सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस सीएम फैक्टर के बूते चुनाव में है जबकि भाजपा की ओर प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल क्षेत्र की अनदेखी का आरोप वर्तमान सुक्खू सरकार पर लगा रहे हैं। पूर्व की जयराम सरकार में बड़सर की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र की अनदेखी और लंबित मांगों का पूरा न होना पहली दफा मुद्दा नहीं है। मुद्दे वही पुराने हैं लेकिन उठाने वाले नेता और दल बदल गए हैं। बड़सर क्षेत्र में न तो बस अड्डा बन सका है, न ही बिझड़ी में केंद्रीय विद्यालय और बाईपास।

बड़सर और बिझड़ी में सुविधाओं का टोटा है। तमाम घोषणाओं के बाद भी जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो पाया। कांग्रेस ने टिकट तय करने में वक्त लिया है, लेकिन क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को साधा है। मुकाबला कभी नगर निगम शिमला के पार्षद रहे इंद्रदत्त लखनपाल और पंचायती राज का लंबा अनुभव रखने वाले सुभाष चंद ढटवालिया के बीच होगा। पहली दफा कांग्रेस ने यहां पर गैर ब्राह्मण चेहरे पर विश्वास जताया है। हालांकि  बड़सर राजपूत बाहुल क्षेत्र रहा है, लेकिन साल 1998 से ब्राह्मण वर्ग से नेता यहां पर कांग्रेस और भाजपा से चुनाव जीतते रहे हैं। पहली दफा मुकाबला राजपूत बनाम ब्राह्मण होगा। चार चुनावों से बड़सर में बस अड्डा, बिझड़ी में केंद्रीय विद्यालय व बाईपास निर्माण के हवाई दावे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में होते रहे हैं। इस बार कांग्रेस और भाजपा की ओर से दावे नहीं किए जा रहे हैं।

रोचक यह भी है कि दल बदल के बीच कांग्रेस ने बड़सर के उस क्षेत्र से प्रत्याशी मैदान में उतारा है, जिसने पिछले विधानसभा चुनावों में हार जीत तय की थी। तप्पा ढटवाल से भाजपा के बागी संजीव शर्मा ने चुनाव लड़ पिछले चुनावों में भाजपा को जीत से दूर कर दिया था। 15 हजार वोट संजीव ने लिए थे और इस अंतर से ही भाजपा की सीट पर हार हुई थी। एक बार फिर इस क्षेत्र से जीत और हार तय होगी, ऐसा माना जा रहा है। कांग्रेस ने तप्पा ढटवाल से सुभाष चंद ढटवालिया पर दाव चला है। वह इस क्षेत्र से पंचायत प्रधान, बीडीसी मेंबर और जिला परिषद के सदस्य रहे हैं। इसलिए कांग्रेस यहां सीएम फैक्टर के साथ ही धरतीपुत्र का नारा देकर आगे बढ़ रही है। 
वहीं क्षेत्रवासियों का कहना है कि बड़सर में इस बार चुनावी मुकाबला दिलचस्प है। सत्तासीन सरकार के विधायक होने पर ही क्षेत्र का विकास संभव है। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी वोट मांगने पहुंचे रहे हैं लेकिन दल बदल की चर्चा मुद्दों पर हावी हो गई है। इस बार वोट पार्टी लाइन से ऊपर होने की संभावना है। उपचुनाव में आम चुनावों की तर्ज पर मुद्दे नहीं बल्कि हालात महत्व रखते हैं ऐसे में हालातों को देखकर ही क्षेत्र की भलाई में वोट होगा। तप्पा ढटवाल के क्षेत्रवासियों ने कहा कि कोई भी सरकार हो लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। तप्पा ढटवाल में एक भी बड़ा शिक्षण संस्थान नहीं है। 
उधर , भाजपा प्रत्याशी  इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि 15 माह में बड़सर की अनदेखी हुई है। मित्रों की सरकार में विकास कार्य लटकाए गए। गोबिंद सागर झील से प्रस्तावित पेयजल योजना अधर में है। योजना से बड़सर में पेयजल संकट दूर होना था। अपनी ही सरकार में अनदेखी होने पर वह भाजपा में गए हैं। जनता भली भांति जानती है कि उनके सुख दुख में कौन साथी रहा है। वह पार्टी लाइन से ऊपर उठकर लोगों के साथ हमेशा खड़े रहे हैं। 
उधर, कांग्रेस प्रत्याशी  सुभाष चंद ढटवालिया  ने कहा कि बड़सर क्षेत्र में अब तक हुआ विकास कांग्रेस सरकार की देन है। पूर्व विधायक लखनपाल को कांग्रेस पार्टी ने पार्टी और सरकार दोनों में पद दिए। सड़क, स्वास्थ्य हर क्षेत्र में कांग्रेस सरकार ने बड़सर को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। अब एक बार फिर मुख्यमंत्री के साथ चल जनता विकास का रास्ता चुनेगी। कांग्रेस को जनता ने जनादेश दिया था लेकिन पूर्व विधायक ने जनादेश का अपमान किया।

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