दियोटसिद्ध मंदिर के वार्षिक चैत्र माह मेले के लिए व्यापक सुरक्षा उपायों की घोषणा

14 मार्च से 13 अप्रैल 2025 तक प्रतिष्ठित बाबा बालक नाथ मंदिर में चैत्र मास के मेलों का आयोजन किया जा रहा है  जिनमें  भारी  संख्या में भक्तों के आने  की उम्मीद है। लोगों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने 12 मार्च से 13 अप्रैल, 2025 तक राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की एक टीम तैनात करने का निर्णय लिया है।
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Temple Deotsidh Photo

हमीरपुर ।  बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास दियोटसिद्ध अध्यक्ष एवं एसडीएम बड़सर ने आगामी वार्षिक चैत्र माह मेले के लिए व्यापक सुरक्षा उपायों की घोषणा की है। गौरतलब है कि  14 मार्च से 13 अप्रैल 2025 तक प्रतिष्ठित बाबा बालक नाथ मंदिर में चैत्र मास के मेलों का आयोजन किया जा रहा है  जिनमें  भारी  संख्या में भक्तों के आने  की उम्मीद है। सभी उपस्थित लोगों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने 12 मार्च से 13 अप्रैल, 2025 तक राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की एक टीम तैनात करने का निर्णय लिया है। यह सक्रिय कदम किसी भी अप्रिय घटना या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करेगा।

बताते चलें कि भक्तों द्वारा जल्द से जल्द अपनी आस्था व्यक्त करने की उत्सुकता के कारण भीड़भाड़ की संभावना को देखते हुए अधिकारी निगरानी के लिए ड्रोन का भी उपयोग करेंगे। ये ड्रोन एसडीआरएफ टीम को दूर से स्थिति की निगरानी करने, आपातकालीन परिदृश्यों को प्रबंधित करने और आवश्यकता पड़ने पर कुशल निकासी प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने में सहायता करेंगे। ड्रोन का उपयोग अन्य सुरक्षा गतिविधियों की निगरानी के लिए भी किया जाएगा। एसडीआरएफ और ड्रोन निगरानी के अलावा, प्रशासन कानून और व्यवस्था बनाए रखने और यातायात प्रवाह को प्रबंधित करने के लिए  4 पुलिस रिजर्व बटालियन,185 होमगार्ड जवान को भी तैनात किया जा रहा है। इसके साथ ही एम्बुलेंस सुविधा, कर्मचारियों के साथ अग्निशमन वाहन मंदिर परिसर में भक्तों की सेवा के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे।
  उधर मंदिर न्यास के अध्यक्ष राजेंद्र गौतम ने कहा कि  भक्तों की सुरक्षा और आराम हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। एसडीआरएफ की तैनाती और ड्रोन तकनीक के उपयोग सहित ये उन्नत उपाय वार्षिक मेले के दौरान सभी के लिए एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण अनुभव सुनिश्चित करेंगे। प्रशासन  ने सभी भक्तों से सुरक्षा कर्मियों के साथ सहयोग करने और एक सुचारू और सुरक्षित उत्सव सुनिश्चित करने के लिए प्रदान किए गए दिशा निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है। 

चैत्र मास मेले में एक माह के लिए हथियारों पर लगा पूर्णतया प्रतिबंध

चैत्र मास मेलों के दौरान कोई भी निजी व न्यास प्रशासन की सरायों मे बिना आईडी प्रूफ व पंजीकरण के नहीं रुक सकता है। पंजीकरण के लिए सभी प्रबंधकों को पंजीकरण के आदेश पारित किए गए है! वहीं दूसरी तरफ धार्मिक नगरी व चकमोह पंचायत में एक माह तक किसी भी प्रकार के हथियार को लाने व ले जाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है। यदि ऐसा करता कोई पकड़ा जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कारवाई की चेतावनी भी न्यास प्रशासन की ओर से जारी की गई। 14 मार्च से 13 अप्रैल तक आयोजित होने बाले चैत्र मेले मे क़ानून व्यवस्था को बनाये रखने व अप्रिय व आपराधिक घटना को रोकने के उदेश्य से प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत, दियोटसिद्ध परिसर के साथ-साथ ग्रांम चकमोह पंचायत के पूरे क्षेत्र में यह प्रतिबन्ध लागू रहेगा। डयूटी पर तैनात पुलिस, होमगार्ड और अन्य सुरक्षा कर्मचारियों या अन्य अधिकारियों- कर्मचारियों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा ।

उधर एसडीएम बड़सर एवं मंदिर अध्यक्ष दियोटसिद्ध राजेंद्र गौतम  ने कहा कि चैत्र मेलों के दौरान क़ानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए 14 मार्च से 13 अप्रैल तक दियोटसिद्ध व चकमोह पंचायत के क्षेत्रों मे हथियारों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है। डयूटी पर तैनात पुलिस, होमगार्ड और अन्य सुरक्षा कर्मचारियों या अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा ।

 

मंदिर न्यास अध्यक्ष ने किया मेला व्यवस्थाओं का निरीक्षण 

बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में  14 मार्च 2025 से 13 अप्रैल 2025 तक आयोजित किए जाने वाले वार्षिक चैत्र मास मेला की तैयारियां की समीक्षा की। मेला की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए एसडीएम बड़सर एवं मंदिर न्यास अध्यक्ष राजेंद्र गौतम ने अन्य कर्मचारियों के साथ शनिवार को बड़सर से लेकर दियोटसिद्ध तक शाहतलाई होते हुए लगभग 18 किलोमीटर पैदल यात्रा कर मंदिर में पहुंचे। जिसमें मेलों की व्यवस्थाओं के साथ-साथ लंगर, सफाई व्यवस्था, रास्ते में आने वाले समस्त होटल, ढाबो के मालिकों को मेला के दौरान सफाई व्यवस्था और सड़क के किनारे लगाए जाने वाले लंगर में साफ सुथरा भोजन व सफाई रखने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने मंदिर परिसर में पहुंचकर पूरी व्यवस्था की व्यवस्थाओं, पानी व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था सराए व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था तथा श्रद्धालुओं के निकासी मार्गों का भी निरीक्षण किया गया। मेले में मंदिर को पांच सेक्टर बांटा गया है। प्रत्येक सेक्टर का भी जायजा लिया गया। इसके अतिरिक्त बड़सर से शाहतलाई के मार्ग में आने वाली पंचायत के प्रधानों को भी निर्देश दिए गए कि अधिकतर श्रद्धालु बड़सर से  शाहतलाई के मार्ग से होकर  दियोटसिद्ध से पहुंचते हैं और श्रद्धालु रास्ते में विश्राम खान खाना खाने के लिए रुकते हैं, उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। 

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