बड़सर में गहराया पेयजल संकट, 20 पेयजल योजनाओं का गिरा जलस्तर, लोग प्यासे

बड़सर के तहत आने वाली 52 ग्राम पंचायतों में पेयजल संकट गहरा चुका है। पूरे बड़सर उपमंडल में जल शक्ति विभाग की 36 पेयजल योजनाएं हैं। इसमें से 20 योजनाओं में जल स्तर काफी गिर चुका है। पेयजल संकट के बीच भी पानी की बर्बादी जारी, विभाग के टुल्लू पंप पर कार्रवाई के दावे खोखले।
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हमीरपुर ।  उपमंडल बड़सर के तहत आने वाली 52 ग्राम पंचायतों में पेयजल संकट गहरा चुका है। बारिश न होने से सूखे के कारण पेयजल योजनाओं में लगातार जल स्तर गिर रहा है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ढटवाल क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों के गांवों में पिछले एक सप्ताह से पेयजल की आपूर्ति ही नहीं हो सकी है। पूरे बड़सर उपमंडल में जल शक्ति विभाग की 36 पेयजल योजनाएं हैं। इसमें से 20 योजनाओं में जल स्तर काफी गिर चुका है। मगर इसमें से पांच पेयजल योजनाएं माकन खड्ड जल परियोजना, 99 ग्राम जल पेयजल योजना, महारल दख्योड़ा, घंगोटा और सहेली भेबड़ ऐसी हैं, जहां पर पेयजल स्तर 25 फीसदी तक रह गया है। ऐसे में ग्रामीण दूर-दराज स्थित प्राचीन प्राकृतिक स्रोतों से पानी ढोने को मजबूर हैं।

वहीं देखने में आया है कि कई जगह लोगों ने भीषण गर्मी के बीच भी निर्माण कार्य शुरू कर रखे हैं। पेयजल का उपयोग निर्माण कार्यों में किया जा रहा है, जबकि अन्य लोग पेयजल की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। इसके अलावा कई रसूखदार लोगों द्वारा लगाए गए टुल्लू पंपों पर भी जलशक्ति विभाग कोई कार्रवाही नहीं कर पा रहा, जिससे लोगों में रोष भी पनप रहा है। ग्रामीणों में संजीव कुमार, राजेश कुमार, निक्का सिंह, राकेश कुमार, महेंद्र राणा, पूनम, रेखा और विमला देवी सहित अन्यों ने कहा है कि गर्मियों में पेयजल के लिए मारे-मारे फिरना पड़ रहा है। पूर्व में पेयजल योजना से 18 घंटे पानी उठाया जाता था। मगर अब विभाग दिन में चार या पांच घंटे ही पानी उठा पा रहा है। इससे क्षेत्रों में पेयजल किल्लत बनी हुई है।

पहले रोजाना पेयजल की सप्लाई होती थी अब चार दिन बाद पानी आ रहा है।बता दें कि बारिश न होने के कारण पेयजल योजनायें सूख चुकी हैं, जिससे पर्याप्त पानी लिफ्ट नहीं किया जा सकता, लेकिन विभागीय अधिकारी और कर्मचारी पानी की बर्बादी पर अंकुश लगा सकते हैं, जो भी पानी छोड़ा जा रहा है उसके एक समान वितरण के लिए विभाग को टुल्लू पंप लगाने और किसी भी तरीके से पेयजल की बर्बादी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन हालात ये हैं कि सीएम हेल्पाइन और विभागीय अधिकारियों को कई शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाही नहीं की जा रही।

उधर, जल शक्ति विभाग बड़सर के अधिशासी अभियंता देव राज चौहान ने कहा कि बड़सर क्षेत्र में कार्यशील पेयजल योजनाओं में भूमिगत जलस्तर काफी गिर चुका है। इस कारण क्षेत्र में पेयजल संकट उत्पन्न हो रहा है। भाखड़ा पेयजल योजना का काम जल्द शुरू होने वाला है। इससे क्षेत्र में पेयजल समस्या नहीं रहेगी।

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