हमीरपुर । तीर्थस्थल ऐसे पावन होते है जिनके नाम पर श्रवण मात्र से ही पापो का नाश हो जाता है। ऐसे स्थलों पर जाने से मनोवांछित फल मिल जाता है। तीर्थ स्थल पर जाने वाले को पग पग पर अश्वमेध का फल मिल जाता है। ऐसा ही पावन स्थल जिला हमीरपुर के उपमंडल बड़सर में स्थित उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध है। बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध (Baba Balak Nath Temple Deotsidh) में वैसे तो सारा साल ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लेकिन 14 मार्च से त्रैमासिक चाला मेले का शुभारंभ होता है। बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में शुक्रवार को झंडा रस्म के साथ चैत्र माह मेलों का आगाज होगा। उपायुक्त हमीरपुर अमरजीत सिंह झंडा रस्म की अदायगी कर दियोटसिद्ध मंदिर में चैत्र मास मेलों का शुभारंभ करेगें। इस मौके पर दियोटसिद्ध मंदिर के महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरी जी महाराज मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
बताते चलें कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध (Baba Balak Nath Temple Deotsidh) परिसर चैत्र मेलों के आगमन पर दुल्हन की तरह सज गया है। पंजाब के श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर परिसर को फूलों से सजाया जा रहा है। चैत्र माह मेला 14 मार्च से लेकर 13 अप्रैल तक चलेगा। चैत्र माह मेलों का आगाज जिला उपायुक्त हमीरपुर अमरजीत सिंह द्वारा बाबा जी की पवित्र गुफा में झंडा चढ़ाकर करेंगे। चैत्र माह मेले के दौरान उत्तरी भारत के देश- विदेशों में रह रहे श्रद्धालु विशेष रूप से बालयोगी की पावन गुफा में शीश नवाते हैं। चैत्र मास की संक्रांति से शुरू होने वाला यह मेला एक माह पूरे यौवन पर रहते हुए लगातार तीन माह तक चलता है। जिसमें आस्थाओं का जनून बाबा के भक्तों के सिर चढक़र बोलता है। रात दिन निरंतर चलने वाले इस त्रैमासिक मेले में लाखों श्रद्धालु बाबा की पवित्र गुफा के दर्शन करके कृत कृत्य होते हैं।
चैत्र माह मेलों के लिए न्यास प्रशासन ने यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के खाने पीने व रहने की उचित व्यवस्था की है व उनकी सुरक्षा के लिए लगभग तीन सौ पुलिस के जवान तैनात किए गए है। पुलिस द्वारा यातायात व्यवस्था के अलावा यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा का जिम्मा भी सौंपा गया है। दियोटसिद्ध में इस बार भी चैत्र मेलों के दौरान होने वाली गतिविधियों की ड्रोन से निगरानी की जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर को 24 घंटे खुला रखा जाएगा। मंदिर को साफ सफाई के दौरान आधा घंटा बंद किया जाएगा। मंदिर परिसर के पास आगजनी की घटना से निपटने के लिए नई फायर हाइड्रेंट लाइन बिछाई जा रही है, जो बकरा स्थल से लेकर मंदिर परिसर तक जा रही है। आगजनी की घटना से निपटने के लिए सहायक होगी। पहाड़ियों से पत्थर गिरने की आशंका को लेकर जालियों की मरम्मत करवा दी गई है।
गौर रहे कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध (Baba Balak Nath Temple Deotsidh) में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर न्यास प्रशासन ने जगह जगह साइन बोर्ड स्थापित किए हैं, ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को बाबाजी के दरबार में आने जाने के लिए किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके अलावा पुलिस विभाग व मंदिर न्यास ने इसके लिए 65 कैमरे स्थापित किए हैं। पुलिस विभाग के चार कैमरों व मंदिर न्यास के 61 कैमरों की संदिग्धों पर पैनी नजर रहेगी।प्रशासन चैत्र मेलों के लिए दियोटसिद्ध नगरी को 5 जोनों में विभाजित करेगा। जिसमें 10 सेक्टर मजिस्ट्रेट अधिकारी व सेक्टर अधिकारी तैनात रहेंगे। मेले में चढ़ावे की गणना के लिए प्रतिदिन सहायक मंदिर अधिकारी और सहायक वित्त नियंत्रक व न्याय सदस्य तैनात रहेंगे।
दियोटसिद्ध आने वाले बुजुर्गों, बच्चों व बीमार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 4 गाडिय़ों की फ्री सेवा की व्यवस्था की जाएगी। यह गाडिय़ां श्रद्धालुओं की सेवा के लिए 24 घंटे मंदिर परिसर में उपलब्ध रहेंगी। आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए 24 घंटे एंबुलेंस व अग्निशमन विभाग की गाडिय़ों की व्यवस्था की जाएगी। यह गाडिय़ां 24 घंटे मंदिर परिसर में उपलब्ध रहेंगी। चैत्र मेलों के दौरान दियोटसिद्ध पंहुचने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधा, पानी की सुविधा, खाना व बिजली आदि की पर्याप्त व्यवस्था का प्रावधान प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। इस बार मेलों में रेड क्रॉस का एक काउंटर भी खोला जाएगा। जहां पर रेड क्रॉस से जुड़ी गतिविधियों से श्रद्धालुओं को अवगत करवाया जाएगा।
बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध पूर्ण रूप से ऑनलाइन हो चुका है, जिसमें श्रद्धालु मंदिर से संबंधित सभी सुविधाओं व व्यवस्थाओं का लाभ व जानकारी घर बैठे हासिल कर सकते हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं का साल भर आना जाना लगा रहता है, लेकिन चैत्र माह मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा जी की पवित्र गुफा में माथा टेककर बाबा जी का आर्शिवाद लेते हैं। बताया जा रहा है कि चैत्र माह मेलों के दौरान बाबा जी दियोटसिद्ध मंदिर में विराजमान होते है व यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। मेले के दौरान सबसे ज्यादा श्रद्धालु पंजाब के आते है। पंजाब के अलावा अन्य राज्यों के श्रद्धालु बाबा जी के दर्शनों के लिए आते हैं। मंदिर में हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है व साथ साथ चढ़ावे में भी वृद्धि हो रही है।
उधर, मंदिर न्यास अध्यक्ष एवं एसडीएम बड़सर राजेंद्र गौतम ने बताया कि दियोटसिद्ध मंदिर में मेलों की तैयारी पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि मेलों के दौरान मंदिर परिसर को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 24 घंटे खुला रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के रहने व खाने पीने की उचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। श्रद्धालुओं को न्यास प्रशासन द्वारा हर सुविधा मुहिया करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।