Department of Horticulture HP: लाखों परिवार बागवानी पर निर्भर, विभाग में 40% स्टाफ का टोटा

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बागवानी का महत्वपूर्ण योगदान है और लाखों परिवार आजीविका के लिए इस पर निर्भर हैं, मगर बागवानी विभाग में स्टाफ की कमी चल रही है।

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हिमाचल प्रदेश में बागवानी विभाग में स्टाफ की भारी कम चल रही है। ऐसे में विभागीय योजनाओं का लोगों को लाभ मिलना भी मुश्किल हो रहा है। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बागवानी का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश का लाखों परिवार आजीविका के लिए बागवानी पर निर्भर हैं। बावजूद इसके बागवानी विभाग में स्टाफ की कमी चल रही है। विभाग में स्वीकृत कर्मचारियों से करीब 40 फीसदी कम है। 2,432 में से सिर्फ 1,512 पद भरे गए हैं, जबकि 920 पद खाली हैं।

शिमला। हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग (Department of Horticulture) में स्टाफ की भारी कम चल रही है। ऐसे में विभागीय योजनाओं का लोगों को लाभ मिलना भी मुश्किल हो रहा है। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बागवानी का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश का लाखों परिवार आजीविका के लिए बागवानी पर निर्भर हैं। बावजूद इसके बागवानी विभाग में स्टाफ की कमी चल रही है। विभाग में स्वीकृत कर्मचारियों से करीब 40 फीसदी कम है। 2,432 में से सिर्फ 1,512 पद भरे गए हैं, जबकि 920 पद खाली हैं।

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ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कुल मिलाकर 40 प्रतिशत की स्टाफ कमी के बीच, 60 प्रतिशत से अधिक बागवानी विकास अधिकारियों (HDO) के पद खाली हैं। विभाग में स्टाफ की इतनी कमी अत्यंत चिंता का विषय है। विभाग में बागवानी विकास अधिकारियों के 264 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 152 पद खाली चल रहे हैं। निदेशक, बागवानी, आरके प्रुथी ने कहा, “हमने सरकार को कर्मचारियों की कमी से अवगत कराया है, स्थिति को दूर करने के लिए जल्द ही कुछ कदम उठाए जाएंगे।”

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आपको बता दें कि बागवानी विकास अधिकारी ब्लॉक स्तर पर बागवानी से संबंधित हर गतिविधि के लिए जिम्मेदार होते हैं। विभाग की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के अलावा, उनके कार्यान्वयन, प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने, पौधरोपण, पौध संरक्षण, पोषण प्रबंधन आदि पर तकनीकी जानकारी प्रदान करने में मदद करते हैं। वहीं विभाग में बागवानी विस्तार अधिकारी (एचईओ) के लगभग 30 प्रतिशत पद भी खाली हैं, जो हर क्षेत्र में बागवानी विकास अधिकारियों की सहायता करते हैं।

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गौरतलब है कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए दो प्रमुख परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें एक परियोजना विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित बागवानी विकास परियोजना है, जबकि दूसरी एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित शिव परियोजना हैं। ऐसे में इन परियोजना का सुचारू रूप से चलाने और लोगों का इनका लाभ दिलाने के लिए किस तरह पर काम होता है, जांच का विषय है। मगर विभाग में स्टाफ की भारी कमी स्थिति को और भी गंभीर बनाती है।

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