The Kashmir Files: राइटर जावेद बेग ने कश्‍मीरी पंडितों से माफी मांगी, बोले- गवाह हूं, गुनाह हुए हैं

फिल्‍म की तमाम आलोचना और विवाद के बीच कश्‍मीरी राइटर जावेद बेग ने हाथ जोड़कर पंडित समुदाय से न सिर्फ माफी मांगी है, बल्‍क‍ि इस बात को सत्यता को स्वीकारा है कि गुनाह हुए हैं।
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फिल्‍म की तमाम आलोचना और विवाद के बीच कश्‍मीरी राइटर जावेद बेग का ट्वीट भी सामने आया है। उन्‍होंने हाथ जोड़कर पंडित समुदाय से न सिर्फ माफी मांगी है, बल्‍क‍ि इस बात को सत्यता को स्वीकारा है कि वह दौर बहुत ही भयानक था और वह गवाह हैं कि गुनाह हुए हैं। जावेद बेग लेखक के साथ ही एक्‍ट‍िविस्‍ट भी हैं। उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा है कि उनके पूर्वजों ने जो गलतियां की हैं, आज के युवाओ को उस गलती को स्‍वीकार करना चाहिए। 

विवेक अग्‍न‍िहोत्री की फिल्‍म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) ने हिंदुस्‍तान के उस जख्‍म को ताजा कर दिया है, जो तीन पहले कश्मीर घाटी से मिला था। फिल्म को देखकर तीन दशक बाद भी उस दर्द का एहसास होता है। फिल्‍म में 1990 के दौर में घाटी से कश्‍मीरी पंडितों के विस्‍थापन को बर्बर नरसंहार बताया गया है। पर्दे पर दर्द और चीख की ऐसी बानगी देख जहां पूरा देश सिहर गया है, वहीं कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार की कहानी ने दर्शकों को भीतर तक झकझोर कर रख दिया है। 


फिल्‍म की तमाम आलोचना और विवाद के बीच कश्‍मीरी राइटर जावेद बेग का ट्वीट भी सामने आया है। उन्‍होंने हाथ जोड़कर पंडित समुदाय से न सिर्फ माफी मांगी है, बल्‍क‍ि इस बात को सत्यता को स्वीकारा है कि वह दौर बहुत ही भयानक था और वह गवाह हैं कि गुनाह हुए हैं। जावेद बेग लेखक के साथ ही एक्‍ट‍िविस्‍ट भी हैं। उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा है कि उनके पूर्वजों ने जो गलतियां की हैं, आज के युवाओ को उस गलती को स्‍वीकार करना चाहिए। 


जावेद बेग ने लिखा है कि सच हमेशा सच रहता है, फिर चाहे कोई उसे कहे या न कहे। जावेद बेग ने अपने ट्वीट में खासकर गिरजा टिक्‍कू का जिक्र किया है। एक के बाद एक ट्वीट में जावेद लिखते हैं, 'मैं भी एक कश्मीरी मुसलमान हूं। हमारी बहन गिरजा टिक्कू के जीते जी टुकड़े कर दिए गए। यह कश्मीर के उन मुस्लिम परिवारों ने किया जिनके हाथ में पाकिस्तान ने आजादी के नाम पर हथ‍ियार थमा दिए थे। मैं पंडित बिरादरी से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। यह कोई प्रोपगेंडा नहीं, बल्‍क‍ि सच्‍चाई है।'

 


'25 मार्च को मेरे होमटाउन में हुआ था हत्‍याकांड'
एक अन्‍य ट्वीट में वह लिखते हैं, 'कोई सच बोले या न बोले, सच फिर भी सच ही रहता है। मैं कश्मीरी पंडितों के हत्याकांड का गवाह हूं जो नवरोज के दिन 21 मार्च 1997 में संग्रामपोरा बीरवाह में हुआ था। वह मेरा होमटाउन है। मुझे आज भी दुख होता है और मैं शर्मिंदा हूं।'

 
जावेद बेग ने ट्वीट किया वायरल वीडियो
इसके साथ ही जावेद बेग ने अपने एक वायरल वीडियो क्‍ल‍िप को भी रीट्वीट किया है। इसमें वह न्यूज चैनल पर अपनी बात रख रहे हैं। वीडियो में जावेद कहते हैं कि वह बीरवाह के जिस इलाके से आते हैं, वहां 21 मार्च को पहला हत्याकांड हुआ था। इसमें दर्जनों कश्मीरी पंडितों को मारा गया। जावेद कह रहे हैं कि उन्‍होंने वह बर्बर हत्‍याकांड देखा है। जिनकी हत्‍याएं हुईं, न तो वो किसी की आजादी रोक रहे थे और न ही वो किसी कश्मीरी मुसलमान को मार रहे थे। निहत्थे लोगों के साथ आप जो कर रहे हो वो जुल्म नहीं है तो क्या है। जिन कश्मीरी पंडितों को मारा गया वो हमारी ही बस्ती के, हमारे ही लोग थे।'

 


'कश्‍मीरी पंडित कोई गैर नहीं, हमारे अपने'
जावेद वीडियो के आख‍िर में कहते हैं कि कश्मीरी पंडित कोई गैर नहीं थे। वो हमारा ही खून हैं। हमारी ही नस्ल हैं। जो गलतियां उनके वालिद (पिता) की पीढ़ी ने कीं, उन गलतियों को आज स्‍वीकार करना चाहिए। यह मानना चाहिए कि गुनाह हुए हैं। जावेद कहते हैं, 'इस बात को समझने के लिए किसी फिल्‍म की जरूरत नहीं है। इसके लिए बस जमीर की जरूरत है।'

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