उमर अब्दुल्ला बोले-द कश्मीर फाइल्स मनगढ़ंत कहानी, फिल्म में दिखाए कई झूठ

नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर से 1990 में जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ, तब  National Conference की सरकार नहीं थी।
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Umar Abdullah) ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) को एक मनगढ़ंत कहानी करार दिया। उमर अब्दुल्ला (Umar Abdullah)  ने कहा कि फिल्म (The Kashmir Files) में कई झूठ पेश किए गए हैं। कश्मीर से 1990 में जब कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) का पलायन हुआ, तब नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference)  की सरकार नहीं थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल जगमोहन का शासन था।

वेब टीम। जब से द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) फिल्म आई है, तब से विवाद चल रहा है। जहां लोग कश्मीर से 1990 में कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) के पलायन को 32 वर्षों के बाद देखकर स्थिति का आंकलन कर रहे हैं, वहीं कई लोग फिल्म को मनगढंत कहानी बता रहे हैं। अब जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) ने फिल्म को मनगढंत करार दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी फिल्म को लेकर अपनी बात रखी है।

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) को एक मनगढ़ंत कहानी करार दिया। उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah)  ने कहा कि फिल्म (The Kashmir Files) में कई झूठ पेश किए गए हैं। कश्मीर से 1990 में जब कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) का पलायन हुआ, तब नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference)  की सरकार नहीं थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल जगमोहन का शासन था।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम में एक रैली को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सबसे पहले तो यह ही स्पष्ट नहीं है कि द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) फिल्म है या एक वृत्तचित्र। अगर यह एक वृत्तचित्र है तो यह ठीक था, लेकिन निर्माताओं ने खुद यह दावा किया है कि फिल्म वास्तविकता पर आधारित है। लेकिन यह सच्चाई नहीं है। सच तो यह है कि फिल्म में कई झूठों को दिखाया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसे गलत तरीके से दिखाया गया है।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कश्मीर में यह सब हुआ तब नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार नहीं थी। हकीकत यह है कि 1990 में जब पंडितों ने कश्मीर छोड़ उस समय जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन था। केंद्र में वीपी सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा समर्थित सरकार थी। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन हुआ करते थे। उन्होंने दावा किया कि 1990 में केवल कश्मीरी पंडित ही नहीं मारे गए थे और सिर्फ उन्होंने ही पलायन नहीं किया बल्कि पंडितों के साथ कई मुस्लिम और सिख भी मारे गए। काफी संख्या में मुस्लिम और सिख भी कश्मीर से चले गए थे जो अभी तक नहीं लौटे। 

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