जेपी नड्डा के पास रह सकती 2024 तक भाजपा की कमान, जानें क्या है वजह

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस पद पर बरकरार रखा जा सकता है।
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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में धर्मशाला के होटल ट्रांस में भाजयुमो के तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण वर्ग का आगाज हो गया। वर्ग के उद्घाटन सत्र में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजयुमो के शीर्षनेतृत्व को संबोधित करते हुए कहा कि शीर्ष पर हमेशा जगह होती है। अपनी लगन, मेहनत से आप उस जगह को भर सकते हैं। अपने अनुभव और ज्ञान को बढ़ाने और आपका मार्गदर्शन करने के लिए यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है।  JP Nadda BJP

शिमला। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस पद पर बरकरार रखा जा सकता है। पार्टी आलाकमान को लगता है कि संगठन में निरंतरता रखने से उसे आम चुनाव से पहले, आगामी महीनों में होने वाले प्रमुख विधानसभा चुनावों में मदद मिल सकती है। नड्डा का तीन साल का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा का संसदीय बोर्ड उससे पहले उनका कार्यकाल बढ़ाने का समर्थन कर सकता है।

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आपको बता दें कि भाजपा की राज्य इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव अभी शुरू नहीं हुए हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि नड्डा इस पद पर बने रहेंगे। पार्टी के नियमों के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम भाजपा की आधे राज्य इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव होने चाहिए। नड्डा के पूर्ववर्ती अमित शाह को भी कार्यकाल विस्तार मिला था, क्योंकि पार्टी चाहती थी कि वह 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान पद पर बने रहें।

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पीएम के विश्वासपात्र और आरएसएस से मधुर संबंध

वर्ष 2019 में संसदीय चुनाव समाप्त होने के बाद एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बनी। इस सरकार में अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री बने, जिसके बाद संगठनात्मक चुनाव हुए और नड्डा को निर्विरोध पार्टी ke अध्यक्ष चुन लिया गया था। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से संबंध रखने वाले नड्डा मोदी के विश्वासपात्र माने जाते हैं। साथ ही नड्डा के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी मधुर संबंध हैं।

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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बेहतरीन प्रदर्शन

पार्टी सूत्रों के अनुसार नड्डा को पार्टी के विस्तार के लिए समन्वय और रणनीतियों को लागू करने का श्रेय दिया जाता है। भाजपा ने नड्डा के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण चुनावी सफलताएं हासिल की हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में सत्ता बरकरार रखना और बिहार में प्रभावशाली प्रदर्शन करना शामिल है। हालांकि, उनके नेतृत्व में पार्टी को पिछले साल पश्चिम बंगाल में हार का सामना करना पड़ा था।

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