Himachal : इस बार भी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को मिला ए ग्रेड

विश्वविद्यालय का ए प्लस ग्रेड पाने का सपना टूट गया है। नैक ने विवि के पुराने ए ग्रेड को बरकरार रखा है। विवि को इंस्टीट्यूशनल सीजीपीए 3.7 मिला है। जो 2016 में मिले एवरेज ग्रेड प्वाइंट से प्वाइंट 14 कम है। 
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HPU Shimla

शिमला ।  हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की सात साल के बाद हुई यूजीसी ग्रेडिंग का परिणाम आ गया है। विवि का ए प्लस ग्रेड पाने का सपना टूट गया है। नैक ने विवि के पुराने ए ग्रेड को बरकरार रखा है। विवि को इंस्टीट्यूशनल सीजीपीए 3.7 मिला है। जो 2016 में मिले एवरेज ग्रेड प्वाइंट से प्वाइंट 14 कम है। विवि के लिए यह बड़ा झटका है। पुराना ग्रेड रिटेन करने से विवि की फंडिंग मिलने की आस समाप्त हो गई है।

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 विवि के दौरे पर चेयरमैन डॉ. अरुण के पुजारी की अगुवाई में आई सात सदस्यीय टीम की ऑनलाइन जारी ग्रेड शीट के अनुसार ग्रेडिंग के लिए तय किए मानकों के अनुसार कर्रिकुलर एस्पेक्ट में विवि को 3.3 ग्रेड प्वाइंट एवरेज मिले। जबकि टीचिंग लर्निग एंड इवेल्यूएशन में 2.72,  रिसर्च, इनोवेशन एंड एक्सटेंशन में सबसे अधिक 3.26, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड लर्निंग रिसोर्सिज में 3.26 जबकि स्टूडेंट स्पोर्ट एंड प्रोग्रेशन में 2.91, गवर्नेंस, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट में 2.97, इंस्टीट्यूशनल वेल्यू एंड बेस्ट प्रैक्टिस मद में विश्वविद्यालय को 3.04 ग्रेड प्वाइंट मिले। इन सभी मदों के प्राप्त प्वाइंट को मिलाकर विवि को इस बार 3.07 ग्रेड प्वाइंट एवरेज मिला है। 

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नैक टीम की रिपोर्ट में गिनाईं कमियां : 


नैक टीम ने विवि की कुछ कमियों को गिनाया है। छात्र सुविधा का विस्तारीकरण न कर पाना, अधिकतर शिक्षकों के इसी विश्वविद्यालय के पढ़ा होने से छात्रों को देश के नामी शिक्षण संस्थानों की तर्ज पर आगे बढ़ने के अवसर कम हैं।  विश्वविद्यालय के औद्योगिक क्षेत्रों से दूर होने से कर्रिकुलम में समय अनुसार बदलाव नहीं ला पाना, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट की संभावनाओं का कम होना, अधिकतर छात्रों के लिए कॅरिअर के मायने सरकारी नौकरी पाना ही है।

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विश्वविद्यालय के विदेश विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ करार के न होने से छात्र, शिक्षक एक्सचेंज प्रोग्राम का नहीं हो पाना, विवि परिवहन, छात्रावासों की सुविधा पर्याप्त न होने को भी कमी गिनाया गया है। 

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