GS Bali की पार्थिव देह पहुंची कांगड़ा, अंतिम दर्शनों को उमड़ी भीड़

रविवार को उनका पार्थिव शरीर ओबीसी भवन नगरोटा बागवां 10 बजे से 2 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा और उसके बाद अंतिम संस्कार चामुंडा नन्दिकेश्वर धाम में किया जाएगा।
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हिमाचल के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली (GS Bali) का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर बाद कांगड़ा एयरपोर्ट (Kangra Airport) पर पहुंचा।

धर्मशाला। हिमाचल के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली (GS Bali) का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर बाद कांगड़ा एयरपोर्ट (Kangra Airport) पर पहुंचा। यहां उनको श्रद्धांजलि देने वालों की भारी भीड़ इक्ट्ठा हो गई थी। जीएस बाली की पार्थिव देह को हवाई मार्ग से दिल्ली से कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचाया गया। गग्गल एयरपोर्ट से सड़क मार्ग द्वारा उनकी देह को उनके घर लाया गया।


जीएस बाली का कल रविवार को चामुंडा में अंतिम संस्कार (Funeral) किया जाएगा। जीएस बाली के गग्गल एयरपोर्ट पर पहुंचने की खबर सुनने के बाद से एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। लोग अपने चहेते मंत्री के अंतिम दर्शनों को यहां पहुंचे थे। गग्गल एयरपोर्ट पर लोगों का हुजूम उमड़ा था। रविवार को उनका पार्थिव शरीर ओबीसी भवन नगरोटा बागवां 10 बजे से 2 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा और उसके बाद अंतिम संस्कार चामुंडा नन्दिकेश्वर धाम में किया जाएगा।

हिमाचल के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली (GS Bali) का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर बाद कांगड़ा एयरपोर्ट (Kangra Airport) पर पहुंचा।
बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री जीएस बाली का देर रात को निधन हो गया था। जीएस बाली 67 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ समय से लगातार अस्वस्थ चल रहे थे और दिल्ली (Delhi) के एम्स (AIIMS) में उपचाराधीन थे। उन्होंने देर रात अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके बेटे रघुवीर सिंह बाली ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनके निधन की सूचना दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जीएस बाली के निधन पर शोक जताया है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीएस बाली के पुत्र रघुबीर बाली के साथ फोन पर बात कर उनके निधन पर शोक जताया।

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27 जुलाई 1954 को जन्में जीएस बाली नगरोटा बगवां से चार बार विधायक और दो बार मंत्री रहे। बाली 1990 से 1997 तक कांग्रेस के विचार मंच के संयोजक, सेवादल के अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव जैसे पदों पर रहे। वर्ष 1998 में वह पहली बार नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। इसके बाद लगातार 2003, 2007 और 2012 में यहां से जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे। 2003 और 2007 में वह मंत्री रहे।

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