GS Bali Passes Away: कांग्रेस नेता जीएस बाली का निधन, AIIMS में ली आखिरी सांस

हिमाचल प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस (Congress Leader GS Bali) नेता जीएस बाली (GS Bali Death) का निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
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हिमाचल प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस (Congress Leader GS Bali) नेता जीएस बाली (GS Bali Death) का निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस (Congress Leader GS Bali) नेता जीएस बाली (GS Bali Death) का निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के एम्स अस्पताल (Delhi Aiims) में उन्होंने उपचार के दौरान आखिरी सांस ली। जीएस बाली (GS Bali Death) 67 साल के थे। जीएस बाली के बेटे रघुबीर सिंह बाली ने पिता की मौत की जानकारी दी


उन्‍होंने कहा कि बड़े ही दुखद मन से सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पूजनीय पिताजी और आप सबके प्रिय जीएस बाली जी अब हमारे बीच नहीं रहे। बीती रात उन्होंने दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली। उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी हमेशा कहते थे, “जीएस बाली दुनिया में रहे या न रहे वो अपने लोगों के दिलों में हमेशा रहेगा।” पिताजी भले ही दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके आदर्श और मार्गदर्शन हमारे और आपके दिलों में हमेशा कायम रहेंगे।


वरिष्ठ कांग्रेस नेता जीएस बाली (Congress Leader GS Bali) काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका दिल्ली AIIMS  में इलाज चल रहा था। शुक्रवार देर शाम उनकी तबीयत काफी ज्यादा खराब हुई और उन्होंने दुनिया अलविदा कह दिया। जीएस बाली के पार्थिव शरीर को एयरएंबुलेंस के जरिए दिल्ली से कांगड़ा लाने की तैयारी की जा रही है। शनिवार को उनका पार्थिव शरीर कांगड़ा लाया जाएगा।

बीमारी के दौरान उनके बेटे और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव आरएस बाली समेत पूरा परिवार उनके साथ ही था। फिलहाल, इस बड़े आघात से पूरा परिवार सदमे में है। पूर्व मंत्री के निधन की औपचारिक सूचना उनके बेटे आरएस बाली ने दी है। फेसबुक पेज पर आरएस बाली ने यह दुखद सूचना देते हुए तमाम समर्थकों से धैर्य बनाए रखने और अपने पिता के आदर्शों को संजोये रखने की अपील की है।


जीएस बाली के निधन की ख़बर से नगरोटा बगवां, कांगड़ा समेत समूचे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर है। पूर्व मंत्री बाली के चाहने वाले तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलते ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। जीएस बाली के चाहने वाले तमाम लोग सदमे में हैं। बाली 1990 से लेकर 1997 तक अखिल भारतीय कांग्रेस विचार मंच के संयोजक की भूमिका भी निभाई थीय़ इसके अलावा, 1995 से 1998 तक कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 1993 से 1998 तक सह-सचिव की जिम्मेदारी उनके पास थी।


जीएस बाली ने 1998 में पहली बार कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे। उसके बाद 2003, 2007 और 2012 में भी चौथी बार विधायक बनने का मौका मिला। वह वीरभद्र सरकार में मंत्री भी रहे। हालांकि, साल 2017 में हुए चुनावों में उन्हें BJP के प्रत्याशी अरुण मेहरा से शिकस्त मिली। बाली साल 2003 में ही परिवहन मंत्री भी रहे थे। वह कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर के मंत्री माने जाते थे और वह  हमेशा से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की भी महत्वकांक्षा रखते थे।

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