हिमाचल में कर्मचारियों और पेंशनरों की बल्ले-बल्ले, आज से मिलेगा 4% डीए

आज से हिमाचल प्रदेश के तीन लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को चार फीसदी महंगाई भत्ते (4% DA) का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसका पिछले एक साल से कर्मचारी और पेंशनर इंतजार कर रहे थे।
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आज एक अप्रैल है और नए वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2024-25 की शुरूआत हो गई है। हिमाचल प्रदेश में आज से यानी एक अप्रैल से सभी वर्गों की बल्ले-बल्ले होने वाली हैं। प्रदेश के सभी वर्गों के लोगों को आर्थिक लाभ मिलना शुरू हो जाएंगे। लोगों को बेसब्री से एक अप्रैल का इंतजार था, जो घड़ी अब आ गई है। आज से हिमाचल प्रदेश के तीन लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को चार फीसदी महंगाई भत्ते (4% DA) का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसका पिछले एक साल से कर्मचारी और पेंशनर इंतजार कर रहे थे।

आज एक अप्रैल है और नए वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2024-25 की शुरूआत हो गई है। हिमाचल प्रदेश में आज से यानी एक अप्रैल से सभी वर्गों की बल्ले-बल्ले होने वाली हैं। प्रदेश के सभी वर्गों के लोगों को आर्थिक लाभ मिलना शुरू हो जाएंगे। लोगों को बेसब्री से एक अप्रैल का इंतजार था, जो घड़ी अब आ गई है। आज से हिमाचल प्रदेश के तीन लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को चार फीसदी महंगाई भत्ते (4% DA) का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसका पिछले एक साल से कर्मचारी और पेंशनर इंतजार कर रहे थे।
 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 17 फरवरी को बजट पेश करते हुए कई बड़ी घोषणाएं की थीं। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की बल्ले-बल्ले हो गई है। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लीव इन्कैशमेंट और ग्रेच्युटी से संबंधित बकाया का भुगतान एक मार्च 2024 से चरणबद्ध तरीके से शुरू हो जाएगा और एक अप्रैल 2024 से चार प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते की किस्त जारी की जाएगी। इसके बाद लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को आज के दिन का इंतजार था।


अब सवाल आता ये डीए होता है क्या है। डीए को अंग्रेजी में Dearness Allowance कहते हैं, हिंदी में कई बार लोग इसे महंगाई भत्ता भी बताते हैं। महंगाई भत्ते से ही इस पूरे गणित को ज्यादा आसानी से समझा जा सकता है। असल में महंगाई की दर जितनी ज्यादा होती है तो रुपये की वैल्यू उतनी ही गिर जाती है। यानी कि अगर सैलरी बढ़ने की स्पीड महंगाई दर से मैच नहीं करती है, या कहें कि कम रहती है, तो इसका मतलब है कि आपकी कमाई कम होती जा रही है। अब ये तो महंगाई का पूरा गणित है। सरकार इसे समझती है। सरकारी कर्मचारी इसे समझते हैं, लेकिन सवाल ये है कि आखिर इससे राहत कैसे मिलेगी?


अब इस राहत का नाम ही महंगाई भत्ता है, अंग्रेजी में बोले तो डीए का बढ़ना। साल में दो बार डीए को बढ़ाया जाता है, ऑल-इंडिया सीपीआई डेटा यानी एआईसीपीआई इंडेक्स (All India Consumer Price Index) की दरों को ध्यान में रखकर ही इस कोई भी फैसला लिया जाता है। 

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