Sukhvinder Singh Sukhu: कांग्रेस ने सुक्खू को क्यों बनाया सीएम, जानें ये पांच कारण

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री बने हैं। कांग्रेस विधायक दल और हाईकमान ने सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी है।
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Sukhwinder Singh Sukhu: कांग्रेस ने इन पांच कारणों से सुक्खू को बनाया सीएम । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री बने हैं। कांग्रेस विधायक दल और हाईकमान ने सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी है। और इसका एलान भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का नाम था। प्रतिभा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी कांग्रेस हाईकमान ने सुक्खू को सीएम बनाया। आइए जानते हैं प्रतिभा सिंह की बजाय सुखविंद्र सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के पांच कारण। 

धर्मशाला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चार बार के विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री बने हैं। कांग्रेस विधायक दल और हाईकमान ने सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी है। और इसका एलान भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का नाम था। प्रतिभा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी कांग्रेस हाईकमान ने सुक्खू को सीएम बनाया। आइए जानते हैं प्रतिभा सिंह की बजाय सुखविंद्र सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के पांच कारण। 

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पहला कारण यह कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बहुमत मिल गया। इसके बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर काफी उठापठक चली। जो नाम सीएम की रेस में थे, वो काफी बड़े थे। ऐसे में किसी एक के नाम को फाइनल करना काफी बड़ी चुनौती थी। पार्टी के दो गुटों में बंटने का भी डर था। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने सेफ चाल चलते हुए सुक्खू को सीएम बना दिया और मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री।

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दूसरा कारण यह कि कांग्रेस हाईकमान किसी भी हालत में अभी उपचुनाव नहीं चाहती है। सुक्खू विधायक चुने जा चुके हैं, जबकि प्रतिभा सिंह अभी सांसद हैं। अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता, तो कांग्रेस को दो उपचुनाव कराने पड़ते। पहला विधानसभा और दूसरा मंडी लोकसभा सीट पर। इस बार हिमाचल प्रदेश में हुए चुनाव में मंडी लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली 17 में से 12 विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत हुई है। ऐसे में उपचुनाव में कांग्रेस को ये सीट हारने का डर था। वहीं, विधानसभा के अन्य सीटों पर भी जो जीत मिली है, वो बहुत कम मार्जिन से मिली है। ऐसे में उपचुनाव में भी हार का डर था। 


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तीसरा कारण यह कि कांग्रेस परिवारवाद के आरोपों को खारिज करना चाहती है। कांग्रेस पर हमेशा से परिवारवाद का आरोप लगता रहा है। प्रतिभा सिंह के पति वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। उनके बेटे भी विधायक हैं, वह दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। खुद प्रतिभा सिंह सांसद हैं। ऐसे में अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता तो एक बार फिर से कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगता। 


 

चौथा कारण यह कि कांग्रेस ने मैदान और पहाड़ का ट्रेंड भी बदलना था। हिमाचल प्रदेश में जब भी कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, हमेशा पहाड़ से आने वाले को ही मुख्यमंत्री बनाया गया है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू हमीरपुर से ताल्लुक रखते हैं, जो एक मैदान इलाका माना जाता है। ऐसे में पार्टी हाईकमान इस ट्रेंड को भी बदलने की कोशिश में थी। अब सुखविंद्र को सीएम बनाकर कांग्रेस ने ये ट्रेंड बदल दिया है।


 
पांचवां कारण है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का एलान होने के बाद प्रियंका गांधी ने छराबड़ा में स्थित अपने घर पर डेरा डाल रखा था। चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने अपने घर से वह पूरे चुनाव पर नजर बनाए रखी। इस दौरान सुखविंद्र सिंह के साथ मिलकर उन्होंने चुनाव का पूरा एजेंडा सेट किया। सुखविंद्र कैंपेन के प्रभारी थे। ऐसे में दोनों ने मिलकर पूरे चुनाव की रूपरेखा ही बदली और सत्ता हासिल करने में सफल हुए।

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