वीरभद्र सिंह के करीबी रहे गद्दी नेता ठाकुर सिंह भरमौरी से कांग्रेस हाईकमान ने किया किनारा
भरमौर। हिमाचल में कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य विंगों के प्रमुखों की घोषणा कर दी है। मगर इसमें कांग्रेस ने एक झटके में गद्दी समुदाय के नेताओं का दरकिनार कर दिया। गद्दी समुदाय बहुल कांगड़ा और चम्बा जिला के 20 विधानसभा क्षेत्रों में तकरीबन छह लाख गद्दी वोटर हैं। मगर कांग्रेस ने किसी एक नेता को भी पार्टी की जिम्मेदारी नहीं दी है। भरमौर में कांग्रेस को चार बार जीत दिलाने वाले और वीरभद्र सिंह के करीबी रहे ठाकुर सिंह भरमौरी को भी कांग्रेस हाईकमान ने पूरी तरह से साइड लाइन कर दिया है।
मंगलवार को कांग्रेस ने अपनी नई टीम की घोषणा की। कांग्रेस हाईकमान ने लगभग 50 लोगों की कार्यकारिणी में एक भी गद्दी नेता को प्रतिनिधित्व ही नहीं दिया है। अब कांग्रेस के खिलाफ गद्दी समुदाय का भड़कना लाजिमी है। गौर करने वाली बात है कि हिमाचल कांग्रेस में गद्दी समुदाय के नेता के नाम पर सिवाए ठाकुर सिंह भरमौरी के अलावा फ्रंट लाइन में कोई नहीं है। दूसरे नंबर पर धर्मशाला से मनोज ठाकुर और विजय इंद्र कर्ण ही हैं। अन्य किसी भी गद्दी नेता को आजतक कांग्रेस आगे नहीं ला पाई।
मनोज ठाकुर को साल 2012 टिकट थमाने के बाद कांग्रेस ने चार दिन बाद टिकट छीन कर सुधीर शर्मा को थमा दी थी। इस धोखे के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर साल 2019 में गद्दी समुदाय के विजय इंद्रकर्ण को उपचुनाव में टिकट उस वक़्त मजबूरी में टिकट दी,जब सुधीर शर्मा मैदान से खिसक गए थे। यानि जब कोई नहीं मिला तो बलि के लिए गद्दी युवा को आगे धकेल दिया गया था। कांग्रेस के ऊपर अब इल्जामों की बरसात तो दूर की बात,सुनामी उठ खड़ी हुई है। गद्दी समुदाय में चिंगारी की जगह अलाव भड़क उठा है।
भेड़ पालक के बेटे ने चार बार जिताई कांग्रेस
भरमौर विधानसभा क्षेत्र से ठाकुर सिंह भरमौरी पांच विधायक रहे हैं। एक बार टिकट नहीं मिलने पर भरमौरी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। वर्ष 2012 में ठाकुर सिंह भरमौरी को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने कैबिनेट में वन मंत्री का पद दिया था। एक भेड़ पालक के बेटे से वन मंत्री तक का सफर करने वाले ठाकुर सिंह भरमौरी की कहानी हर किसी को प्रेरित करने वाली है, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ठाकुर सिंह भरमौरी को भी तवज्जों नहीं दी है।
गद्दी समुदाय में धधक रही ज्वाला
कांग्रेसी गद्दी यह बात ताल ठोंक कर कह रहे हैं कि हमसे अच्छी तो भाजपा है। धर्मशाला में गद्दी नेता किशन कपूर को सांसद बनाया तो उनकी रिप्लेसमेंट गद्दी युवा विशाल नैहरिया से की। नगर निगम में मेयर-डिप्टी मेयर समेत आधा दर्जन गद्दी लोग विराजमान हैं। शाहपुर नगर पंचायत में बहुतयात में गद्दी प्रतिनिधि हैं। सिर्फ हमारा मिसयूज करने के लिए कांग्रेस हाथ आगे बढ़ाती है। गुस्सा यहां तक उबाल ले रहा है कि अब इसकी आंच करीबन पांच लाख के गद्दी वोट बैंक तक पहुंच रही है। गद्दी तबका पूरी तरह मुखर होकर अपना दबका दिखा भी रहा है और बता भी रहा है। हिमाचल में जंगल ही नहीं, अब गद्दी समुदाय भी धधकने लगा है। अब विधानसभा चुनाव के कांग्रेस को गद्दी सामुदाय का कितना साथ मिलता है, यह तो वक्त ही बताएगा...
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