सुक्खू सरकार कर रही है शराब घोटाला, बड़े ठेकेदारों से की सांठ-गांठ : जयराम
शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर शराब घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर शराब ठेकों की यूनिट साइज (Unit Size) बढ़ाकर बड़े ठेकेदारों से डील (Deal) कर ली है। इस की वजह से छोटे व्यापारी टेंडर प्राेसेस (Tender Process) से बाहर हो गए और बड़े ठेकेदारों को Low Reserve Price पर ठेके मिल गए।
जयराम ठाकुर ने दावा किया कि यह मिलीभगत (Collusion) बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार (Corruption) का संकेत देता है। उन्होंने कहा, "Reserve Price से कम दाम पर टेंडर होना सरकार की मिलीभगत को दर्शाता है। नहीं तो यह "Tender" कैंसिल किया जाना चाहिए था और दोबारा "Auction" होना चाहिए था।"
जयराम ठाकुर ने ऊना, नूरपुर और कांगड़ा में शराब की "Auction" को रोकने के पीछे भी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में शराब के धंधे से जुड़े लोगों को राजनीतिक संरक्षण (Political Protection) मिला हुआ है, जो सभी को मालूम है।
शराब नीति के नाम पर राजस्व का नुकसान, जांच की मांग
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने "Excise Policy" के नाम पर प्रदेश के "Revenue" को भारी नुकसान पहुंचाया है और अपनों की "Pocket" भरने का काम किया है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की "Independent Investigation" होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री लगातार शराब नीति से 40% राजस्व वृद्धि की बात कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि ठेके अपने लोगों को "Setting" के जरिए औने-पौने दामों में बेचे गए हैं। अगर इसकी जाँच हुई तो यह एक बड़ा "Scandal" निकलेगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले "Auction" के लिए भी कई "Contractors" ने अभी तक "Fees" जमा नहीं की है और अब "High Court" से जाकर राहत मांग रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में भी बड़ी "Unit" बनाकर ठेकों की "Auction" की थी, जिसके चलते 200 करोड़ की "License Fee" बकाया रह गई थी।
कोविड काल की तुलना पर मुख्यमंत्री को नसीहत
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू की कोविड काल के राजस्व संग्रहण से वर्तमान राजस्व की तुलना को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा, "कोविड काल के समय जब पूरी दुनिया "Lockdown" में थी, आर्थिक गतिविधियां बंद थीं और शराब के ठेके भी लंबे समय तक बंद थे। अगर मुख्यमंत्री इस समय की तुलना वर्तमान से कर रहे हैं, तो ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे।"
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