कांग्रेस के टिकट आवंटन में रहा इस गुट का दबदबा, यह हो सकता है सीएम चेहरा

कांग्रेस में बेशक मुख्यमंत्री चेहरे के कई तलबगार हैं, लेकिन प्रदेश की राजनीति अभी मुख्यत: होली लॉज और सुखविंद्र सुक्खू कैंप के इर्द-गिर्द घूम रही है।
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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के एलान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस अभी भी पांच उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पाई है। कांग्रेस में बेशक मुख्यमंत्री चेहरे के कई तलबगार हैं, लेकिन प्रदेश की राजनीति अभी मुख्यत: होली लॉज और सुखविंद्र सुक्खू कैंप के इर्द-गिर्द घूम रही है। कांग्रेस ने 63 टिकट तय कर लिए हैं। इनमें वीरभद्र सिंह कैंप यानी होली लॉज का दबदबा दिख रहा है। यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि 6 बार के CM वीरभद्र सिंह का पार्टी में 6 दशक तक प्रभुत्व रहा है।


राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो होली लॉज 29 टिकट अपने समर्थकों को दिलाने में कामयाब रहा है। होली लॉज समर्थकों को ज्यादा टिकट मिलने के संकेत है कि कांग्रेस यदि सरकार बनाने की स्थिति में आती है तो मुख्यमंत्री का चेहरा भी होली लॉज की पसंद का हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस अगर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करती है, तो सीएम बनने के लिए भी घमासान छिड़ सकता है।

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होली लॉज के विरोधी माने जाने वाले चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपने बूते लगभग 16 समर्थकों को टिकट दिला चुके हैं।  इस लिहाज से सुक्खू भी मजबूत नेता के तौर पर उभर रहे हैं, क्योंकि होली लॉज कैंप में अकेले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ही नहीं, बल्कि मुकेश अग्निहोत्री को भी गिना जा रहा है। 


कांग्रेस ने अब तक जिन्हें टिकट दिया है, उनमें 10 से 12 चेहरे ऐसे हैं, जो हवा के रूख के साथ कौल सिंह ठाकुर, मुकेश अग्निहोत्री, सुक्खू, आशा कुमारी, राम लाल ठाकुर या फिर कर्नल धनीराम शांडिल के साथ भी चल सकते हैं। 8 से 9 उम्मीदवार न्यूट्रल लग रहे हैं, जो हाईकमान के इशारे पर किसी के साथ भी चल सकते हैं। 5 सीटों पर टिकट तय होने के बाद स्थिति और क्लीयर हो पाएगी।

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सीएम चेहरे की रेस में ये नेता

बेशक मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंद्र सुक्खू का नाम CM बनने की रेस में ज्यादा लिया जा रहा है, लेकिन कौल सिंह की दावेदारी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वह कांग्रेस में सबसे वरिष्ठ और 8 बार के विधायक हैं। मुकेश अग्निहोत्री वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष हैं। उनका अलग से कोई कैंप नहीं माना गया है। वह वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते हैं। प्रदेश की राजनीति में उन्हें भी CM के मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है।

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इसलिए ज्यादा चर्चा में हैं सुक्खू 

सुक्खू यदि अपने सभी समर्थकों को जिताने में कामयाब रहते हैं और हाईकमान से उन्हें इशारा मिलता है तो वह भी CM बन सकते हैं। होली लॉज का विरोधी होना नुकसानदायक हो सकता है। डलहौजी से विधायक एवं वरिष्ठ नेता आशा कुमारी और श्री नयना देवी जी से विधायक राम लाल ठाकुर को कमतर नहीं आंका जा सकता है। इन दोनों का नाम भी CM की रेस में नाम शामिल है। 


पहली बार वीरभद्र के बगैर विस चुनाव लड़ रही कांग्रेस

हिमाचल कांग्रेस में लगभग 6 दशक तक वीरभद्र सिंह हाईकमान खुद ही रहे हैं, जो वह चाहते थे, करके भी दिखाते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस उनके बगैर चुनाव मैदान में है। यही वजह है कि पार्टी 48 दिन के मंथन के बाद भी सभी सीटों पर टिकट आवंटन नहीं कर पा रही।

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