Himachal Politics : संकट से सुरक्षित हिमाचल सरकार, कांग्रेस MLA का संख्याबल 38 हुआ

हिमाचल प्रदेश में छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने चार सीटों पर जीत दर्ज की है। सदन में कांग्रेस विधायकों का संख्या बल 38 हो गई है। ऐसे में साफ है कि संकट से सरकार फिलहाल सुरक्षित हो गई है। 
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हिमाचल प्रदेश में छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने चार सीटों पर जीत दर्ज की है। यह जानकारी निर्वाचन आयोग के आंकड़ों में दी गई। इस तरह पार्टी छोड़कर हाल में भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के चार बागियों को उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। चार विधानसभा क्षेत्रों में जीत के साथ सदन में कांग्रेस विधायकों का संख्या बल 38 हो गई है। सदन की प्रभावी संख्या 65 है। ऐसे में साफ हो गया है कि संकट से गुजर रही सरकार फिलहाल सुरक्षित हो गई है। 

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने चार सीटों पर जीत दर्ज की है। यह जानकारी निर्वाचन आयोग के आंकड़ों में दी गई। इस तरह पार्टी छोड़कर हाल में भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के चार बागियों को उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। चार विधानसभा क्षेत्रों में जीत के साथ सदन में कांग्रेस विधायकों का संख्या बल 38 हो गई है। सदन की प्रभावी संख्या 65 है। ऐसे में साफ हो गया है कि संकट से गुजर रही सरकार फिलहाल सुरक्षित हो गई है। 

निर्वाचन आयोग के अनुसार, कांग्रेस ने सुजानपुर, गगरेट, कुटलैहड़ और लाहौल एवं स्पीति विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। वहीं, भाजपा ने धर्मशाला और बड़सर से जीत हासिल की। सुजानपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के राजेंद्र राणा को कांग्रेस के उनके प्रतिद्वंद्वी रणजीत सिंह ने 2,440 मतों के अंतर से हराया। राणा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे, जिन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हरा दिया था। 


नाराज होकर चले गए थे कैप्‍टन रंजीत सिंह

राजेंद्र राणा हाल में जहां भाजपा में शामिल हो गए थे, वहीं सेवानिवृत्त कैप्टन रंजीत सिंह, सुजानपुर उपचुनाव में भाजपा का टिकट राजेंद्र राण को देने के बाद कांग्रेस में चले गए थे। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार रंजीत सिंह राणा को 29,529 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा के राजेंद्र राणा को 27,089 वोट मिले। लहौल एवं स्पीति उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस उम्मीदवार अनुराधा राणा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं निर्दलीय उम्मीदवार रामलाल मार्कंडा को 1,960 मतों के अंतर से हराया है। 

लाहौल एवं स्पीति को मिली महिला विधायक

अनुराधा राणा 52 वर्षों में लाहौल एवं स्पीति से चुनाव लड़ने वाली पहली महिला हैं और वह विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाली दूसरी महिला बन गईं। उन्हें भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े मार्कंडा को मिले 7,454 वोट के मुकाबले 9,414 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए रवि ठाकुर मात्र 3,049 मत हासिल कर पाए हैं। भाजपा के सुधीर शर्मा ने धर्मशाला विधआनसभा क्षेत्र से उपचुनाव 5,526 मतों के अंतर से जीता है। पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पार्टी से बगावत करने वाले छह विधायकों का ‘सरगना’ कहा था।

बड़सर से जीते इंद्रदत्त  लखनपल

बड़सर से कांग्रेस के बागी एवं भाजपा प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल ने 2,125 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी सुभाष चंद को मिले 30,961 मतों के मुकाबले 33,088 वोट मिले। कांग्रेस के छह बागियों में शामिल रहे भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र भुट्टो कुटलैहड़ में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी विवेक शर्मा से 5,356 मतों से हार गए। विवेक शर्मा को 36,853 वोट मिले जबकि भुट्टो को 31,497 वोट मिले। इस सीट से कुल चार उम्मीदवार मैदान में थे।


भाजपा से बगावत कर कांग्रेस से जीते चुनाव

गगरेट और सुजानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे भाजपा के बागी राकेश कालिया और रणजीत सिंह ने चुनाव जीत लिया। वहीं, निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे दो अन्य बागी रामलाल मार्कंडा और राकेश चौधरी क्रमशः लाहौल एवं स्पीति और धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव हार गए। राज्य सरकार की स्थिरता के वास्ते सत्तारूढ़ दल के लिए उपचुनाव जीतना महत्वपूर्ण था क्योंकि छह विधायकों की अयोग्यता के बाद 68 सदस्यीय सदन में इसका संख्याबल 34 रह गया था।

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