Parliament Building: पीएम मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया, बताया अविस्मरणीय दिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (28 मई) देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया। नई संसद को लेकर देश में राजनीति भी खूब हुई। लगभग पूरे विपक्ष ने नई संसद के उद्घाटन के मौके से किनारा कर लिया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (28 मई) देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया। पिछले वीरवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निमंत्रण दिया था।  नई संसद को लेकर देश में राजनीति भी खूब हुई। लगभग पूरे विपक्ष ने नई संसद के उद्घाटन के मौके से किनारा कर लिया है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (28 मई) देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया। पिछले वीरवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निमंत्रण दिया था।  नई संसद को लेकर देश में राजनीति भी खूब हुई। लगभग पूरे विपक्ष ने नई संसद के उद्घाटन के मौके से किनारा कर लिया है।

वर्तमान भवन को द्विसदनीय विधायिका को समायोजित करने के लिए कभी भी डिजाइन नहीं किया गया था। 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 से कभी नहीं बदली। हालांकि, 2026 के बाद इसमें काफी वृद्धि होने का अनुमान है, क्योंकि सीटों की कुल संख्या पर स्थिरता केवल 2026 तक ही है। 


पीएम मोदी ने सेंगोल के साथ संसद के नए भवन में प्रवेश किया। अधीनम मठ के पुजारियों ने संसद के नए भवन में पीएम मोदी को सेंगोल सौंपा। इसके बाद पीएम मोदी ने इसे लोकसभा में स्थापित किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। 

पीएम मोदी ने बताया अविस्मरणीय दिन

संसद के नए भवन के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर आज के दिन को अविस्मरणीय बताया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि 'आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।'


आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।


नई संसद में तीन दीर्घाएं हैं

संगीत दीर्घा में स्वामी हरिदास, त्यागराजा के चित्र व वाद्य यंत्र, नवरस के भाव, शास्त्रीय नृत्य की स्थापत्य दीर्घा में वृहदेश्वर मंदिर-तंजौर लेकर ओरोविल-पुड्डुचेरी तक की झलक दिखाई गई है। शिल्प दीर्घा में पत्थर, धातु, लकड़ी से लेकर कपड़ों की शिल्पकारी की झलक देखने को मिल रही है

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