हिमाचल में Toilet Seat Tax पर बवाल, सीएम सुक्खू की सफाई के बाद अधिसूचना वापस
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सीवरेज टैक्स के तहत टॉयलेट सीट पर टैक्स (Toilet Seat Tax) लगाने के आदेशों के बाद भारी हंगामा मच गया है। अब प्रदेश सरकार ने इस मामले में सफाई दी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्हें इस पूरे विवाद की जानकारी नहीं थी, हालांकि अब वह दिल्ली में इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट कर रहे हैं। इसके साथ ही विवाद के बढ़ने पर हिमाचल सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने भी सफाई दी है, क्योंकि यह अधिसूचना उनकी ओर से ही जारी की गई थी।
अधिसूचना वापस, नई अधिसूचना जल्द
शिमला में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह अधिसूचना 21 सितंबर को जारी की गई थी, लेकिन इसे अब वापस ले लिया गया है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। मुख्य सचिव ने बताया कि शिमला में पहले से ही सीवरेज शुल्क (sewerage charges) लिया जा रहा था, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के संबंध में यह अधिसूचना जारी की गई थी। कुछ होटलों और संस्थानों पर इस प्रकार (Toilet Seat Tax) का शुल्क लागू था, लेकिन अब यह मुद्दा विवाद का कारण बन गया है। जल्द ही इस पर नई अधिसूचना जारी की जाएगी।
जेपी नड्डा का तीखा हमला
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी इस मुद्दे (Toilet Seat Tax) पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। हिमाचल के बिलासपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “सुबह शौचालय कर लगाने की खबर सुनकर मुझे हंसी आई, लेकिन यह देखकर दुख भी हुआ कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल को इस स्थिति में पहुंचा दिया है कि इस तरह के कर लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री का दिमाग खराब हो गया है।”
नई दिल्ली में खारिज किया दावा
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान 'शौचालय कर' (Toilet Seat Tax) लगाए जाने के दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और यह बयानबाजी केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की (Toilet Seat Tax) आधारहीन और बेतुकी बयानबाजी से परहेज किया जाना चाहिए।
भाजपा पर धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी ऐसे मुद्दों को राजनीतिक रंग देकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है, जबकि ये आरोप वास्तविकता से कोसों दूर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा लगाए जा रहे आरोप महज राजनीति करने का एक जरिया हैं।
भाजपा के लोक-लुभावन वादों पर तंज
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने चुनावों से पहले 5,000 करोड़ की रेवड़ियां बांटीं, जिनमें मुफ्त पानी की घोषणा भी शामिल थी। यहां तक कि कुछ पांच सितारा होटलों को भी मुफ्त पानी देने का वादा किया गया था। लेकिन प्रदेश की जनता ने इन लोक-लुभावन वादों को खारिज करते हुए कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया और एक मजबूत सरकार का गठन हुआ।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति कनेक्शन पर 100 रुपये पानी का शुल्क
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पानी पर सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति कनेक्शन 100 रुपये का भुगतान तय किया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों को पानी के बिल का भुगतान करने में कोई परेशानी नहीं है और यह प्रदेश के हित में किया गया कदम है।
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