ऊना के बसोली में मस्जिद निर्माण को लेकर तनाव, हिंदू संगठनों का विरोध

ऊना जिले के बसोली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर तनाव बढ़ गया है। स्थानीय हिंदू संगठनों और ग्रामीणों ने इस निर्माण का विरोध करते हुए एक सप्ताह के भीतर इसे गिराने की मांग की है।
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ऊना जिले के बसोली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर तनाव बढ़ गया है। स्थानीय हिंदू संगठनों और ग्रामीणों ने इस निर्माण का विरोध करते हुए एक सप्ताह के भीतर इसे गिराने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी न के बराबर है, फिर भी यहां मस्जिद का निर्माण क्यों किया जा रहा है।

ऊना। ऊना जिले के बसोली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर तनाव बढ़ गया है। स्थानीय हिंदू संगठनों और ग्रामीणों ने इस निर्माण का विरोध करते हुए एक सप्ताह के भीतर इसे गिराने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी न के बराबर है, फिर भी यहां मस्जिद का निर्माण क्यों किया जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यदि प्रशासन एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं करता है तो वे खुद मस्जिद को गिराने को मजबूर होंगे। उनका आरोप है कि बाहरी राज्यों से आए कुछ लोग यहां मस्जिदें बनाकर अपनी पैठ जमाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस मामले में उदासीन है।

स्थानीय निवासी और पूर्व सैनिक जोगिंदर सिंह बिंद्रा का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जहां मुस्लिम आबादी नहीं है, वहां मस्जिद बनाने का कोई औचित्य नहीं है। एक अन्य पूर्व सैनिक अनिल कुमार ने कहा कि उन्होंने अपनी सेवा के दौरान देखा है कि इस तरह मस्जिदें बनाकर नए क्षेत्रों में घुसपैठ की जाती है और फिर स्थानीय लोगों को प्रताड़ित किया जाता है।

ऊना में मस्जिद निर्माण को लेकर उठा विवाद हिमाचल प्रदेश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव का एक उदाहरण है। इस मामले ने धार्मिक स्थलों के निर्माण को लेकर उठने वाले सवालों को एक बार फिर सामने ला दिया है। यह भी एक सवाल खड़ा करता है कि क्या धार्मिक स्थलों का निर्माण केवल धार्मिक आस्था के आधार पर किया जाना चाहिए या अन्य सामाजिक और राजनीतिक कारकों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

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