HRTC की बसों में महिलाओं को अब नहीं मिलेगी 50% छूट, स्कूली बच्चों का भी तय होगा किराया
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) को घाटे से उबारने के लिए कुछ अहम कदम उठाने की तैयारी कर रही है। सरकार द्वारा महिलाओं को बस किराये में दी जाने वाली 50 फीसदी छूट को घटाकर 25 फीसदी करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए HRTC बसों में निशुल्क सफर की सुविधा को समाप्त कर न्यूनतम किराया (minimum fare) निर्धारित करने पर भी विचार किया जा रहा है।
वीरवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई है। HRTC को वित्तीय संकट से उबारने के लिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है। निगम का प्रति किलोमीटर बस संचालन का खर्चा (operating cost per kilometer) लगभग 80 रुपये है, जबकि आय बेहद कम है। मौजूदा समय में प्रदेश सरकार HRTC को सालाना करीब 700 करोड़ रुपये की ग्रांट (grant) देती है।
सरकार का लक्ष्य है कि HRTC की माली हालत में सुधार कर इस ग्रांट को कम किया जाए। इस दिशा में सरकार सख्त फैसले लेने की तैयारी में है, जिसमें महिलाओं की बस किराए में दी जाने वाली छूट को कम करना और बच्चों के निशुल्क सफर की सुविधा को खत्म करना शामिल है।
मंत्रिमंडल की बैठक में पुलिस कर्मियों को HRTC की बसों में निशुल्क सफर (free travel) की सुविधा समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है। इससे पहले HRTC निदेशक मंडल की बैठक में निजी स्कूलों के बस पास की दरें (bus pass rates) दोगुनी करने और रियायती कार्ड की दरों (concessional card rates) को दोगुना कर वैधता अवधि (validity period) को दो साल से घटाकर एक साल करने का फैसला भी लिया जा चुका है।
हालांकि, HRTC प्रबंधन के प्रयासों से निगम की आय में वृद्धि होनी शुरू हो गई है। बीते सालों के मुकाबले इस साल HRTC की मासिक कमाई (monthly revenue) में इजाफा देखा गया है। निगम अपने कर्मियों को महीने की पहली तारीख को वेतन जारी कर रहा है, जो पहले किसी निर्धारित तारीख पर नहीं होता था। पहले निगम के 13,000 कर्मियों को वेतन में देरी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब वेतन समय पर मिलने से कर्मियों को राहत मिली है।
सरकार के इन कदमों का उद्देश्य HRTC की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना और उसे आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सके।
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