Shimla Mosque Case : संजौली मस्जिद मामले में स्थानीय लोगों को झटका, अदालत ने खारिज की याचिका

शिमला के संजौली क्षेत्र की मस्जिद में अवैध निर्माण (Shimla Mosque Case Update) को लेकर चल रहे विवाद में जिला अदालत ने वीरवार को अहम फैसला सुनाया।
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शिमला के संजौली क्षेत्र की मस्जिद में अवैध निर्माण (Shimla Mosque Case Update) को लेकर चल रहे विवाद में जिला अदालत ने वीरवार को अहम फैसला सुनाया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण शर्मा की अदालत ने स्थानीय निवासियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मस्जिद मामले में प्रतिवादी बनने की अनुमति मांगी थी। इस फैसले में अदालत ने माना कि मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर दायर इस मामले में स्थानीय लोगों की प्रतिवादी बनने की कोई आवश्यकता नहीं है।  Shimla District Court Sanjauli Mosque Dispute Illegal Construction Additional Session Judge Praveen Sharma Muslim Welfare Society Municipal Corporation Commissioner Demolition Order Application Rejected Party to Case Himachal Pradesh High Court Next Hearing Controversial Mosque Local Residents' Petition Municipal Corporation Court Three Illegal Floors Compliance with Orders Demolition Process Illegal Structure Public Protest Hindu Organizations Assault Incident Malyaana Area Police FIR Court Decision Pending November 18 Hearing

शिमला। शिमला के संजौली क्षेत्र की मस्जिद में अवैध निर्माण (Shimla Mosque Case Update) को लेकर चल रहे विवाद में जिला अदालत ने वीरवार को अहम फैसला सुनाया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण शर्मा की अदालत ने स्थानीय निवासियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मस्जिद मामले में प्रतिवादी बनने की अनुमति मांगी थी। इस फैसले में अदालत ने माना कि मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर दायर इस मामले में स्थानीय लोगों की प्रतिवादी बनने की कोई आवश्यकता नहीं है।


मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के अधिवक्ता विश्व भूषण ने बताया कि यह मामला नगर निगम आयुक्त के आदेश के खिलाफ है, जिसमें मस्जिद के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए थे। सोसायटी का कहना है कि नगर निगम आयुक्त ने जिन व्यक्तियों को इस अवैध निर्माण को गिराने का निर्देश दिया है, वे मस्जिद कमेटी के पदाधिकारी नहीं हैं। सोसायटी की ओर से दायर इस याचिका में अदालत से नगर निगम के इस आदेश को चुनौती दी गई है।

अदालत में 18 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

मामले की पिछली सुनवाई में अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जो गुरुवार को सुनाया गया। अदालत ने अब इस मामले में 18 नवंबर की तारीख तय की है, जिस दिन अदालत में याचिका की वैधता पर निर्णय लिया जाएगा।

अवैध निर्माण के खिलाफ पहले भी हो चुके हैं नगर निगम के आदेश

इस विवाद की पृष्ठभूमि में 5 अक्टूबर को नगर निगम की सुनवाई हुई थी, जिसमें नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने मस्जिद की तीन मंजिलों को अवैध ठहराया था। उन्होंने मस्जिद कमेटी को निर्देश दिया था कि वे दो महीने के भीतर इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त करें। आदेश के पालन में मस्जिद कमेटी ने कुछ अवैध हिस्सों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और मस्जिद की छत को हटाया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 21 दिसंबर को नगर निगम आयुक्त के सामने होगी।

हाईकोर्ट भी पहुंचा मामला

संजौली मस्जिद विवाद को लेकर हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है। संजौली के स्थानीय निवासियों ने इस मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप शर्मा ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे आठ सप्ताह के भीतर इस मामले में उचित निर्णय लें।

सितंबर से चल रहा है विवाद

संजौली मस्जिद विवाद का आरंभ सितंबर में हुआ जब मल्याणा क्षेत्र में विक्रम सिंह नामक एक स्थानीय व्यक्ति के साथ मारपीट की घटना सामने आई। विक्रम का आरोप था कि इस घटना के आरोपित मस्जिद में छिप गए थे। इस घटना के बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और इसे अवैध करार देते हुए गिराने की मांग की। स्थानीय स्तर पर यह मामला तूल पकड़ गया और इसके बाद नगर निगम ने इस पर कार्रवाई करते हुए मस्जिद के अवैध हिस्से को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए।

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