संजौली मस्जिद की अवैध मंजिलों को गिराने के आदेश को अदालत में चुनौती देंगे मुस्लिम

ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने संजौली मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने के नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का निर्णय लिया है।
 | 
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने के नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश को लेकर अब कानूनी लड़ाई शुरू होने वाली है। ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने इन आदेशों को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का निर्णय लिया है। बुधवार को बालूगंज मस्जिद में आयोजित बैठक के दौरान ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन के नेताओं ने इस मामले पर चर्चा की हैं। वहीं संजौली मस्जिद कमेटी ने एक बार फिर आयुक्त कोर्ट के आदेश को चुनौती देने से इन्कार कर दिया है। 

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने के नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश को लेकर अब कानूनी लड़ाई शुरू होने वाली है। ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने इन आदेशों को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का निर्णय लिया है। बुधवार को बालूगंज मस्जिद में आयोजित बैठक के दौरान ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन के नेताओं ने इस मामले पर चर्चा की हैं। वहीं संजौली मस्जिद कमेटी ने एक बार फिर आयुक्त कोर्ट के आदेश को चुनौती देने से इन्कार कर दिया है। 

ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन के प्रदेश प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने कहा कि संजौली मस्जिद की अवैध मंजिलों को गिराने का फैसला विभिन्न संगठनों के दबाव के चलते लिया गया है। मस्जिद कमेटी ने दबाव में आकर नगर निगम के पास खुद अवैध निर्माण गिराने के लिए आवेदन किया था और उसी आधार पर आयुक्त ने फैसला सुना दिया। हाशमी ने दावा किया कि यह फैसला तथ्यों से परे है और मस्जिद की कानूनी स्थिति को नजरअंदाज किया गया है। मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है और 125 साल के राजस्व रिकॉर्ड में इसका स्पष्ट उल्लेख है।

हाशमी का कहना है कि मस्जिद में नमाज अदा करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते मस्जिद की मंजिलें बढ़ाई गईं। इसके लिए वक्फ बोर्ड से आवश्यक एनओसी ली गई थी। यह मस्जिद अवैध नहीं है। इसके नक्शे के लिए आवेदन किया गया था, जिसे नगर निगम ने सालों तक लंबित रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने मस्जिद कमेटी की ओर से अवैध निर्माण गिराने का आवेदन दिया वे इसके लिए अधिकृत नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम ने यह निर्णय लेने से पहले यह नहीं देखा कि कौन इस मामले में पार्टी बन सकता है और किसका मालिकाना हक है।

संजौली मस्जिद कमेटी का जवाब

ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन के दावों को संजौली मस्जिद कमेटी ने सिरे से खारिज कर दिया है। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने स्पष्ट किया कि आयुक्त कोर्ट का फैसला मान्य है और जल्द ही अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लतीफ ने कहा कि मस्जिद कमेटी ही इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए अधिकृत है और इस संबंध में नगर निगम को आवेदन भी दिया गया था। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड को भी इस मामले की जानकारी दी गई थी। ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन की बैठक से मस्जिद कमेटी का कोई लेना-देना नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जाएगी लड़ाई

ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन अब इस मामले में कानूनी रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहा है। नजाकत अली हाशमी ने कहा कि आदेश की कॉपी मिलते ही संगठन ऊपरी अदालत में अपील करेगा और जरूरत पड़ने पर यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक ले जाई जाएगी। संजौली मस्जिद की अवैध मंजिलों को लेकर उठे इस विवाद ने शिमला में एक नई बहस छेड़ दी है। एक ओर जहां मस्जिद कमेटी ने अदालत के आदेश का पालन करने का निर्णय लिया है, वहीं दूसरी ओर ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने इसे दबाव में लिया गया फैसला करार देते हुए इसे चुनौती देने की घोषणा कर दी है। अब देखना होगा कि यह मामला आगे किस दिशा में बढ़ता है।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।