हिमाचल में विधायक खरीद-फरोख्त मामले में बड़ा खुलासा, देहरादून में दिए थे 25 लाख नकद

शिमला में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बालूगंज पुलिस थाना में 10 मार्च को दर्ज इस मामले की जांच के दौरान अब वित्तीय लेन-देन के ठोस सबूत मिलने शुरू हो गए हैं।
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शिमला में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बालूगंज पुलिस थाना में 10 मार्च को दर्ज इस मामले की जांच के दौरान अब वित्तीय लेन-देन के ठोस सबूत मिलने शुरू हो गए हैं। शिमला पुलिस और एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) इस मामले पर लंबे समय से काम कर रही है और अब देहरादून के एक ट्रैवल एजेंट सुधीर राणा द्वारा किए गए खुलासों के बाद इस केस ने नया मोड़ ले लिया है।

शिमला। शिमला में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बालूगंज पुलिस थाना में 10 मार्च को दर्ज इस मामले की जांच के दौरान अब वित्तीय लेन-देन के ठोस सबूत मिलने शुरू हो गए हैं। शिमला पुलिस और एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) इस मामले पर लंबे समय से काम कर रही है और अब देहरादून के एक ट्रैवल एजेंट सुधीर राणा द्वारा किए गए खुलासों के बाद इस केस ने नया मोड़ ले लिया है।

विधायकों के ठहरने पर लाखों का खर्चा

सुधीर राणा ने सोमवार को बालूगंज पुलिस थाने में पूछताछ के दौरान बताया कि उसे विधायकों की एक सूची सौंपी गई थी, जिनके लिए देहरादून में ठहरने की व्यवस्था करने को कहा गया था। इस पूरे प्रबंध के लिए उसे एक भाजपा नेता द्वारा नकद में भुगतान किया गया था। देहरादून में इन विधायकों के ठहरने का कुल खर्च 36 से 40 लाख रुपए के बीच आया, जिसमें से 25 लाख रुपए नकद में दिए गए थे। बाद में ये विधायक देहरादून के जॉलीग्रांट हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना हुए।

इस खुलासे के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे थे, उन्हें और मजबूती मिली है। इससे पहले भी शिमला पुलिस और एसआईटी ने नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर से पूछताछ की थी, जिसमें उन्होंने पवन हंस चौपर कंपनी को 5 लाख रुपए देने की बात कबूली थी।

छह महीने से जारी जांच

इस मामले की जांच पिछले 6 महीनों से जारी है। 23 अगस्त को एसआईटी ने पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो और केएल ठाकुर से भी पूछताछ की थी। इसके अलावा विधायक आशीष शर्मा, पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा और उनके पिता सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राकेश शर्मा से भी पूछताछ हो चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार तरुण भंडारी से भी कई बार पूछताछ की जा चुकी है।

इस मामले में आरोप है कि विधायक आशीष शर्मा और राकेश शर्मा ने हिमाचल प्रदेश सरकार को गिराने के लिए एक साजिश रची थी। राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग कराने वाले विधायकों को फाइव-सैवन स्टार होटल में ठहराने, खाने-पीने और हेलीकॉप्टर से ले जाने की व्यवस्था की गई थी। इस मामले में चैतन्य शर्मा और उनके रिटायर्ड आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। 

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