हिमाचल में 17,889 कुक-कम-हेल्पर महिलाओं को 180 दिन का मातृत्व अवकाश

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दोपहर का खाना यानी मिड-डे मील तैयार करने वाली कुक-कम-हेल्पर को अब मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) का फायदा मिलेगा। हिमाचल सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
 | 
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दोपहर का खाना यानी मिड-डे मील तैयार करने वाली कुक-कम-हेल्पर को अब मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) का फायदा मिलेगा। हिमाचल सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। हिमाचल प्रदेश में कुक महिलाओं को मैटरनिटी बेनीफिट एक्ट 1961 के अनुसार 180 दिन के लिए मेहनताना सहित छुट्टी मिलेगी। हालांकि दो अथवा इससे ज्यादा बच्चों वाली कुक को मैटरनिटी लीव का लाभ नहीं मिलेगा।  मुख्यमंत्री  सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि समाज का समग्र विकास तभी संभव है, जब कमजोर और पिछड़े वर्ग के साथ महिलाओं और बच्चों का भी समावेशी विकास हो।

शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दोपहर का खाना यानी मिड-डे मील तैयार करने वाली कुक-कम-हेल्पर को अब मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) का फायदा मिलेगा। हिमाचल सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। हिमाचल प्रदेश में कुक महिलाओं को मैटरनिटी बेनीफिट एक्ट 1961 के अनुसार 180 दिन के लिए मेहनताना सहित छुट्टी मिलेगी। हालांकि दो अथवा इससे ज्यादा बच्चों वाली कुक को मैटरनिटी लीव का लाभ नहीं मिलेगा।

यह भी पढ़ेंः-हिमाचल सरकार आपस में ही उलझी है, जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं : जयराम

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि समाज का समग्र विकास तभी संभव है, जब कमजोर और पिछड़े वर्ग के साथ महिलाओं और बच्चों का भी समावेशी विकास हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन वर्गों के विकास के लिए कार्य कर रही है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की दिशा में कार्य करते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में कार्यरत 17,889 महिला कुक-कम-हेल्पर को मातृत्व लाभ अधिनियम, 1962 के तहत 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्रदान करने का निर्णय लिया है।

यह भी पढ़ेंः-मुकेश रेप्सवाल ने संभाला चम्बा के उपायुक्त का कार्यभार

उन्होंने कहा कि महिला कुक के लिए शिक्षा विभाग में पहले इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था। मगर वर्तमान सरकार ने शिशु और मातृ कल्याण को ध्यान में रखते हुए लम्बे समय से चली आ रही मूलभूत मांग को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सत्ता संभालने के पहले दिन से ही कर्मचारियों और श्रमिकों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक निर्णय ले रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कमजोर और वंचित वर्गों के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कमजोर वर्ग को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्राथमिकता प्रदान की है। सरकार ने इन वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए अनेक महत्वाकांक्षी  योजनाएं आरम्भ की हैं।

यह भी पढ़ेंः-Online Trading में रिटायर बैंकर और स्कूल के प्रिंसिपल को लगी 54.60 लाख की चपत

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी बढ़ाने के साथ शिक्षा विभाग के अशंकालिक जलवाहकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, आशा कार्यकर्ताओं, मीड डे मील कर्मियों, जल शक्ति विभाग के बहुउद्देशीय कर्मियों, पैरा फिटर एवं पम्प ऑपरेटरों, पंचायत और राजस्व चौकीदारों के मानदेय में बढ़ौतरी की है।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।