हिमाचल में बादल फटने से भारी तबाही, लापता 48 लोगों की तलाश शुरू

उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि समेज में पीड़ित और प्रभावितों दोनों को 15-15 हजार रुपये फौरी राहत राशि जारी कर दी है। आज मौसम साफ है और ऐसे में राहत कार्यों के लिए काफी सही है। हमारा लक्ष्य हर लापता को ढूंढने का है।
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हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार मध्यरात्रि को बादल फटने से भारी तबाही मची है। इस जलप्रलय में पांच लोगों की मौत हो गई है, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 48 लोग लापता हैं। प्रभावित क्षेत्रों में समेज, बागीपुल, मंडी का राजबन, कुल्लू का नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, चंबा का राजनगर, और लाहौल का जाहलमा शामिल हैं।

शिमला। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार मध्यरात्रि को बादल फटने से भारी तबाही मची है। इस जलप्रलय में पांच लोगों की मौत हो गई है, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 48 लोग लापता हैं। प्रभावित क्षेत्रों में समेज, बागीपुल, मंडी का राजबन, कुल्लू का नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, चंबा का राजनगर, और लाहौल का जाहलमा शामिल हैं।

रामपुर के समेज गांव में 36 लोग लापता हैं। शुक्रवार सुबह 6:00 बजे से बचाव अभियान शुरू हो गया है। इस अभियान की निगरानी एसडीएम रामपुर निशांत तोमर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी कुछ देर में घटनास्थल का दौरा करेंगे और स्थानीय लोगों व लापता लोगों के परिजनों से मिलेंगे। बागीपुल में पांच लोग लापता हैं। उधर, मंडी का राजबन में यहां सात लोग लापता हैं।

बादल फटने से कुल 47 घर, 10 दुकानें, 17 पुल, तीन स्कूल, एक डिस्पेंसरी, एक बस अड्डा, 30 वाहन, दो बिजली प्रोजेक्ट और एक बांध बह गए हैं। श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान भीमडवारी में करीब 250 लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन और बचाव दल उन्हें सुरक्षित निकालने के प्रयास में जुटे हैं। वहीं, सतलुज नदी में बहकर आने वाले शवों की तलाश सुन्नी और तत्तापानी में की जा रही है।

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार मध्यरात्रि को बादल फटने से भारी तबाही मची है। इस जलप्रलय में पांच लोगों की मौत हो गई है, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 48 लोग लापता हैं। प्रभावित क्षेत्रों में समेज, बागीपुल, मंडी का राजबन, कुल्लू का नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, चंबा का राजनगर, और लाहौल का जाहलमा शामिल हैं।  रामपुर के समेज गांव में 36 लोग लापता हैं। शुक्रवार सुबह 6:00 बजे से बचाव अभियान शुरू हो गया है। इस अभियान की निगरानी एसडीएम रामपुर निशांत तोमर कर रहे हैं।

इसकी वजह यह है कि सतलुज नदी में बादल फटने और बाढ़ आने से जैसी घटना होने पर 90 फीसदी शव कोल डैम साइट में शिमला और मंडी जिले की सीमा पर स्थित दोगरी गांव के आसपास ही मिलते हैं। इसको देखते हुए वीरवार दोपहर से ही जिला पुलिस और प्रशासन की टीमें यहां डैम और नदी का पानी मिलने वाले क्षेत्र में शवों की तलाश में जुट गए हैं। यह अभियान एडीसी शिमला अभिषेक वर्मा की अगुवाई में चलाया जा रहा है। 

समेज में आपदा प्रभावितों को राहत राशि जारी कर दी गई है। जिला प्रशासन ने अभी तक 20 परिवारों को फौरी राहत राशि दी गई है। हर परिवार को 15-15 हजार रुपये दिए गए हैं। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि पीड़ित और प्रभावितों दोनों को फौरी राहत राशि जारी की है। एक अगस्त देर शाम को ही राशि वितरित कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन तीव्र गति से चला हुआ हैं। आज मौसम साफ है और ऐसे में राहत कार्यों के लिए काफी सही है। हमारा लक्ष्य हर लापता को ढूंढने का है। रेस्क्यू टीम में अनुभवी लोगों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है।

एक रात की बारिश ने बीते साल की आपदा का मंजर ताजा किया

इस मानसून ने एक रात की बारिश ने बीते साल की आपदा का मंजर ताजा किया।  प्रदेश में सात घंटों में सामान्य से 305 मिलीमीटर ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने खराब मौसम को देखते हुए मंगलवार रात से रेड अलर्ट जारी किया था। भारी बारिश से कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे बंद हो गया । इसके अलावा भरमौर-पठानकोट एनएच ठप रहा, जबकि मंडी-चंडीगढ़ एनएच 10 घंटे बाधित रहा। प्रदेश में कुल 455 सड़कें बंद हैं। 495 बस रूट ठप हैं। 983 पेयजल योजनाएं, 178 ट्रांसफार्मर बंद है। ब्यास का जलस्तर बढ़ने पर पंडोह डैम से पानी छोड़ना पड़ा। विभिन्न विभागों को 215 करोड़ का नुकसान हुआ है। 

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