Earthquake in himachal : भूकंप से हिला कुल्लू, मंडी-शिमला में भी महसूस किए गए झटके

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई, और इसका केंद्र कुल्लू जिले में जमीन के अंदर 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।
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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में सोमवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे कुछ देर के लिए लोगों में दहशत फैल गई। भारतीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई, और इसका केंद्र कुल्लू जिले में जमीन के अंदर 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।  भूकंप के झटके सुबह करीब 6:50 बजे आए, जिससे कुल्लू के अलावा मंडी और शिमला जिले के कुछ इलाकों में भी कंपन महसूस किया गया। हालांकि, किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप के झटके महसूस होते ही कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। Earthquake Tremors in Kullu

कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में सोमवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे कुछ देर के लिए लोगों में दहशत फैल गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई। इसका केंद्र कुल्लू जिले में जमीन के अंदर 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।

भूकंप के झटके सुबह करीब 6:50 बजे आए, जिससे कुल्लू के अलावा मंडी और शिमला जिले के कुछ इलाकों में भी कंपन महसूस किया गया। हालांकि, किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप के झटके महसूस होते ही कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए।

भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है हिमाचल

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है, जिससे यह राज्य लगातार भूकंपीय गतिविधियों के खतरे में रहता है। खासकर कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी जिले अति संवेदनशील क्षेत्र माने जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, हिमालयी क्षेत्र में लगातार टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

पिछला बड़ा भूकंप 1905 में आया था

हिमाचल प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा भूकंप 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा जिले में आया था, जिसकी तीव्रता 7.8 थी। इस विनाशकारी भूकंप में करीब 20,000 लोगों की जान गई थी और भारी तबाही मची थी। विशेषज्ञों का मानना है कि हिमालयी क्षेत्र में भविष्य में भी बड़े भूकंप आने की संभावना बनी हुई है, इसलिए सतर्कता जरूरी है।

प्रशासन ने की सतर्क रहने की अपील

भूकंप के बाद स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और सतर्क रहने की अपील की है। प्रशासन ने कहा कि यदि दोबारा झटके महसूस हों, तो लोग खुले स्थानों में जाएं और इमारतों से दूर रहें। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता दी जा सके।

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