भाजपा के वरिष्ठ नेता किशन कपूर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, शाश्वत ने दी मुखाग्नि
धर्मशाला। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद दिवंगत किशन कपूर की पार्थिव देह शनिवार देर शाम धर्मशाला स्थित उनके निवास स्थान दाड़नू लाई गई। उनके निधन से प्रदेशभर में शोक की लहर दौड़ गई। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
रविवार सुबह किशन कपूर की पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव खनियारा के पटोला मैदान में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां सैकड़ों लोगों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद मांझी खड्ड स्थित श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र शाश्वत कपूर ने मुखाग्नि दी।
किशन कपूर धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक, राज्य सरकार में तीन बार मंत्री और कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र से एक बार सांसद रहे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए प्रदेश और क्षेत्र के विकास में अहम योगदान दिया।
1998-2002 और 2007-2012 के दौरान वे तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सरकार में मंत्री रहे। 2017-2019 में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकार में कैबिनेट मंत्री का पदभार संभाला।
2019-2024 तक वे कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे। किशन कपूर को जमीनी नेता के रूप में जाना जाता था। उन्होंने हमेशा जनता के मुद्दों को प्राथमिकता दी और जनहित से जुड़े कार्यों को आगे बढ़ाया।
किशन कपूर की अंतिम यात्रा में प्रदेश भर से कई बड़े नेता और उनके समर्थक शामिल हुए। पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद किशन कपूर की शव यात्रा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल, भाजपा महामंत्री त्रिलोक कपूर, हमीरपुर से पूर्व सांसद सुरेश चंदेल, पूर्व मंत्री रमेश धवाला, पूर्व मंत्री रविंद्र सिंह रवि, विधायक पवन काजल, विधायक सुधीर शर्मा, विधायक जनक राज, विधायक रणवीर सिंह निक्का, पूर्व विधायक रीता धीमान, धर्मशाला नगर निगम की मेयर नीनू शर्मा, पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी व अन्य शामिल हुए।
नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि किशन कपूर का निधन पार्टी और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने हमेशा जनसेवा को प्राथमिकता दी और धर्मशाला एवं कांगड़ा क्षेत्र के विकास के लिए कई अहम योजनाओं को मूर्त रूप दिया। किशन कपूर के निधन से भाजपा और हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हो गया है। उनके निधन पर प्रदेशभर में शोक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है।
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