Kangra Valley Carnival : सुरों के सरताज सतिंदर की मखमली आवाज पर झूमा धर्मशाला
धर्मशाला। कांगड़ा वैली कार्निवल (Kangra Valley Carnival) की अंतिम सांस्कृतिक संध्या पूरी तरह से मशहूर पंजाबी सूफी गायक सतिंदर सरताज के नाम रही। सरताज की मखमली आवाज़ और सुरों का जादू धर्मशाला के पुलिस मैदान में छा गया, जहां हज़ारों लोग उनकी अद्भुत प्रस्तुति का आनंद लेने पहुंचे।
सतिंदर सरताज ने अपने लोकप्रिय गीत "मतवालिए... नशीले नैना वालिए..." और "साईं..." जैसी मधुर धुनों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनके एक से बढ़कर एक गानों ने धर्मशाला की वादियों को संगीत से सराबोर कर दिया। मैदान में उपस्थित हर श्रोता उनके हर गीत पर थिरकता नजर आया। सरताज की सूफी गायकी के जादू ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया और इस सांस्कृतिक संध्या को एक यादगार रात बना दिया।
विशाल भीड़ और उमंग का माहौल
सतिंदर सरताज को सुनने के लिए पुलिस मैदान में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। कार्यक्रम की शुरुआत शाम 6 बजे होनी थी, लेकिन पांच बजे से ही मैदान में दर्शक पहुंचने लगे। जल्द ही मैदान पूरी तरह से भर गया और जो लोग समय पर जगह नहीं पा सके, उन्होंने खड़े होकर ही कार्यक्रम का लुत्फ उठाया। लोगों में सरताज को सुनने का इतना उत्साह था कि पूरा पंडाल शाम 6 बजे तक पैक हो चुका था।
हास्य और संगीत का अनोखा संगम
सिर्फ सतिंदर सरताज ही नहीं, कांगड़ा वैली कार्निवल की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में कई अन्य कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधा। हिमाचल के मशहूर हास्य कलाकार विशाल शर्मा (इनसेन कॉमिक) ने अपने देसी पहाड़ी अंदाज़ में हंसी की फुहारें बिखेर दीं। उनके चुटीले अंदाज़ ने दर्शकों को लोटपोट कर दिया।
इस दौरान केरल के बहु शैली संगीत बैंड थाईकुडम ने भी अपने शानदार प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीता। उनकी संगीत प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में अलग ही रंग बिखेरा, जो लोगों के लिए एक अनूठा अनुभव साबित हुआ।
ड्रोन शो: आकर्षण का केंद्र
धर्मशाला की शांत वादियों में भव्य ड्रोन शो ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस शो ने हिमाचल प्रदेश और भारत की अद्भुत सांस्कृतिक धरोहर को अनूठे अंदाज़ में पेश किया। ड्रोन से बनाई गई अद्वितीय आकृतियां और लाइट शो इस पूरे कार्यक्रम का एक खास आकर्षण था, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
स्थानीय और दिव्यांग कलाकारों की प्रस्तुति
सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला। लवनीश चौधरी के ग्रुप ने अपने नृत्य प्रदर्शन से दर्शकों का मनोरंजन किया, जबकि अक्षय ने "ओ रे पिया" और "चंबा कितनी की दूर" जैसे गीतों से माहौल में मिठास घोल दी। इसके बाद आदित्य ने "शिव कैलाशों के वासी" और "मां तुझे सलाम" जैसे गीतों से भक्ति और देशभक्ति का रंग बिखेरा।
कार्यक्रम में दिव्यांग कलाकारों के समूह ‘वी आर वन’ ने 'डांसिंग व्हील्स' नामक प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इस अनूठी प्रस्तुति ने यह साबित कर दिया कि शारीरिक चुनौतियां किसी की प्रतिभा को सीमित नहीं कर सकतीं। धौलाधार की खूबसूरत तलहटी में बसे धर्मशाला की शांत वादियों में बीते पांच दिनों से जारी कांगड़ा वैली कार्निवल का आज शानदार समापन हो गया। इस आयोजन में भाग लेने वाले सभी कलाकार और दर्शक इस अनुभव को लंबे समय तक याद रखेंगे। सतिंदर सरताज की दिलकश आवाज़ और कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुतियों ने इस सांस्कृतिक यात्रा को अविस्मरणीय बना दिया।
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