केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर बोले- पौंग बांध के साथ इको सेंसिटिव जोन बनाने के प्रस्ताव पर रोक

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि उन्होंने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मिलकर पौंग डैम के आसपास के इलाकों में इकोसेंसेटिव जोन के प्रस्ताव और उससे जुड़े स्थानीय मुद्दों को उनके समक्ष प्रमुखता से रखा था। इसके बाद रोक लगा दी है।
 | 
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में पौंग बांध वन्यजीव अभयारण्य की सीमाओं से एक किलोमीटर के क्षेत्र को पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) घोषित किया है। इसके बाद कांगड़ा में यह मुद्दा खूब सुर्खियां में बना हुआ है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि इस प्रस्ताव पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।  eco-sensitive zone | Union Minister Anurag Thakur

हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में पौंग बांध वन्यजीव अभयारण्य की सीमाओं से एक किलोमीटर के क्षेत्र को पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) घोषित किया है। इसके बाद कांगड़ा में यह मुद्दा खूब सुर्खियां में बना हुआ है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि इस प्रस्ताव पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।

यह भी पढ़ें ः-कांग्रेस ने हिमाचल में बढ़ाई महंगाई, सत्ता में आने के बाद बढ़ाए टैक्स : अनुराग ठाकुर


केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर दो दिनों के हिमाचल प्रवास पर हैं। वीरवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कांगड़ा एयरपोर्ट पर पहुंचे। जहां पर उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया गया। इसके बाद वह सड़क से हमीरपुर के लिए रवाना हुए। केंद्रीय मंत्री 28-29 दिसंबर के हिमाचल प्रदेश के प्रवास पर हैं।

यह भी पढ़ें ः-सीएम सुक्खू बोले कहां तक पहुंची है ऊना - हमीरपुर रेललाइन, मुख्यमंत्री का अनुराग ठाकुर से सवाल


मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले स्थित पौंग डैम के आसपास प्रस्तावित इको सेंसेटिव जोन और उससे उत्पन्न होने वाली स्थानीय चिंताओं पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ परिचर्चा की है। उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद फिलहाल प्रस्ताव पर रोक लगा दी है।

यह भी पढ़ें ः-राजस्व विभाग में सेवानिवृत्त कर्मियों की सेवाएं लेगी हिमाचल सरकार


अनुराग ठाकुर ने कहा, "मैंने माननीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मिलकर पौंग डैम के आसपास के इलाकों में इकोसेंसेटिव जोन के प्रस्ताव और उससे जुड़े स्थानीय मुद्दों को उनके समक्ष प्रमुखता से रखा था। हमारे आग्रह पर और स्थानीय लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण मंत्री ने इस मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बात की और इसके साथ हीं फिलहाल पौंग डैम के आसपास के इलाकों को इको सेंसेटिव जोन बनाने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है।"


लोगों को फिर सताने लगा है विस्थापन डर

केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कांगड़ा जिले में पौंग बांध वन्यजीव अभयारण्य की सीमाओं से एक किलोमीटर के क्षेत्र को पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) घोषित किया है। देहरा के विधायक होशियार सिंह की ओर से विस में इस मसले को रखे जाने के बाद ही पांच विधानसभा क्षेत्रों के 51 गांवों के लोगों में भय का माहौल है।

यह भी पढ़ें ः-हिमाचल में शास्त्री बैचवाइज भर्ती बहाल, अब कौन होंगे पात्र यहां पढ़ें

पंचायतों से नहीं ली गई कोई एनओसी

कई पंचायत प्रतिनिधियों का मानना है कि वे लोग पौंग डैम बनने के बाद से ही कई समस्याओं से जूझ रहे हैं जिनका आज तक केंद्र और राज्य सरकारें हल नहीं निकाल पाई हैं। बावजूद इसके प्रभावित लोगों पर नए कानून थोपकर उन्हें फिर से विस्थापित करने की कोशिश की जा रही है। कई पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि पौंग बांध क्षेत्र के साथ लगते गांवों को इको सेंसिटिव जोन में शामिल करने के लिए उनसे कोई एनओसी नहीं ली गई।

यह भी पढ़ें ः-कतर की कोर्ट ने आठ भारतीय नौसेनिकों की मौत की सजा को बदला


पौंग बांध विस्थापित फिर होंगे प्रभावित : होशियार सिंह

देहरा के विधायक होशियार सिंह ने कहा कि अधिसूचना से कांगड़ा के पांच विधानसभा क्षेत्रों के 51 गांव प्रभावित होंगे। उन्होंने दावा किया कि यदि यह अधिसूचना लागू की गई तो हजारों ग्रामीण प्रभावित होंगे। इनमें से अधिकांश पौंग बांध विस्थापित हैं। राज्य सरकार को क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि लोगों के हक की आवाज वह उठाते रहेंगे।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।