Himachal Byelection 2024 : हिमाचल की छह विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव, अयोग्य करार दिए हैं यहां के विधायक

Himachal Vidhan Sabha Byelection : हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव होंगे। यह चुनाव उन सीटों पर होगा जहां के निर्वाचित विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था। 

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हिमाचल में सियासी उठापटक के बीच शनिवार को चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपचुनाव (Himachal Vidhan Sabha Byelection Dates) का ऐलान कर दिया। हिमाचल प्रदेश के छह विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव होगा। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस के विधायक जीत कर आए थे, जिन्हें दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद अब इन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे। इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा के पक्ष में वोटिंग करके प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा दिया था। 

वेब डेस्क। हिमाचल में सियासी उठापटक के बीच शनिवार को चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपचुनाव (Himachal Vidhan Sabha Byelection Dates) का ऐलान कर दिया। हिमाचल प्रदेश के छह विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव होगा। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस के विधायक जीत कर आए थे, जिन्हें दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद अब इन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे। इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा के पक्ष में वोटिंग करके प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा दिया था। 

हिमाचल प्रदेश के स्पीकर ने 29 फरवरी को कांग्रेस के छह विधायकों- सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो को अयोग्य ठहरा दिया था। इन सभी विधायकों ने बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की थी। इसके बाद पार्टी ने इन्हें व्हिप का उल्लंघन करने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया था। खुद को अयोग्य ठहराने के खिलाफ विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिसपर कोर्ट 18 मार्च को सुनवाई करेगी।

किन-किन सीटों पर होंगे चुनाव

1.धर्मशाला
2. लाहौल और स्पीति
3. सुजानपुर
4. बड़सर
5. गगरेट
6. कुटलैहड़


 

दल-बदल कानून के तहत स्पीकर ने ठहराया था अयोग्य

बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने जाने के बाद हिमातल प्रदेश के सदन में विधायक की संख्या 68 से घटकर 62 हो गई है। वहीं कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है। बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में नैचुरल जस्टिस के सिद्धांत के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें अयोग्यता याचिका पर जवाब देने के लिए पर्याप्त मौका नहीं दिया गया। 29 फरवरी को एक संवाददाता सम्मेलन में छह विधायकों को अयोग्य ठहराने की घोषणा करते हुए, स्पीकर ने कहा था कि उन्हें दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया है क्योंकि उन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा था कि ये सभी तत्काल प्रभाव से सदन के सदस्य नहीं रहेंगे।


क्या है दल-बदल कानून

बागियों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका हिमाचल प्रदेश के संसदीय मामलों के मंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष उस व्हिप के उल्लंघन को लेकर दायर की थी, जिसके तहत विधायकों को सदन में उपस्थित रहने और बजट के लिए मतदान करना था। दल-बदल विरोधी कानून के तहत, कोई भी निर्वाचित सदस्य जो स्वेच्छा से किसी राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ देता है या अपनी पार्टी द्वारा जारी किसी भी निर्देश के विपरीत सदन में मतदान करता है या मतदान के दौरान मौजूद नहीं रहता है, उसे अयोग्य ठहराया जा सकता है।

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