हिमाचल उपचुनाव: नहीं सुनती सरकार, इसलिए किया मतदान का बहिष्कार

लोगों ने कहीं बिजली प्रोजेक्ट तो कहीं राशन की दुकान, मोबाइल नेटवर्क के साथ मूलभूत सुविधाएं देने में सरकारी की उदासीनता के चलते उपचुनाव में मतदान का बहिष्कार (Boycott of voting) किया।
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हिमाचल उपचुनाव: नहीं सुनती है, इसलिए किया मतदान का बहिष्कार, पढ़िए आम लोगों से जुड़ी यह खबर

भरमौर। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। लोगों को महोत्सव मनाते हुए 75 वर्षों की उपलब्धियां गिनाई जा रही है। इसी बीच हिमाचल में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हो गया। मगर कई क्षेत्रों से ऐसे भी समाचार आए, जहां लोगों ने मतदान का बहिष्कार (Boycott of voting) कर दिया। लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में अधिकतर मतदान का बहिष्कार (Boycott of voting)  किया गया। निर्वाचन विभाग के प्रयासों के बावजूद हजारों की संख्या में मतदाताओं ने सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताई और मतदान में भाग नहीं लिया। 

कहीं बिजली प्रोजेक्ट तो कहीं राशन की दुकान, मोबाइल नेटवर्क की समस्या के कारण बहिष्कार (Boycott of voting) किया गया। कहीं रोड कनेक्टिविटी और स्वास्थ्य सुविधाओं पर सरकारी उदासीनता के चलते लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। जिन क्षेत्रों में मतदान का बहिष्कार किया गया वहां पर चुनाव विभाग की टीमों ने लोगों से विशेष आग्रह किया, लेकिन लोग अपनी जिद पर अड़े रहे। हालांकि एक मतदान केंद्र पर अधिकारियों ने मतदाताओं को समझाया। इसके बाद 166 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, मगर उन्होंने अधिकारियों को अपनी मांगों के बारे में भी सुना दिया।

 

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जिन क्षेत्रों में मतदान नहीं हुआ उनमें भरमौर विधानसभा (Bharmour) क्षेत्र के एहल्मी, कलांस, जगत-दो, बलमूईं तथा कलाह आदि केंद्रों में कोई मतदाता मतदान करने नहीं पहुंचा। उक्त क्षेत्रों में असुविधाओं के कारण ग्रामीणों ने उपचुनाव का विरोध किया। इसके अलावा किन्नौर (Kinnaur) के रारंग, शैलापुर, खदरा, जौंगी और अक्पा के अलावा रामपुर क्षेत्र के शरण, खेरी और रुनपु में एक भी मतदाता ने मतदान नहीं किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी पालरासू ने बताया कि सभी जगह पर मतदान कर्मियों को लोगों को समझाने के लिए भेजा गया था। भरमौर के घुड़ैठ में बहिष्कार करने वालों को समझाने के बाद 166 मत पड़े हैं। 

भरमौर में जगत पंचायत के गांव दो, दुर्गेठी के तीन, किलोड़ के तीन वार्ड समेत कलाह, कलौंस और एहलमी शामिल थे। इनके द्वारा मतदान का बहिष्कार करने की सूचना प्रशासन को मिलने के उपरांत इन्हें मतदान के लिए प्रेरित करने के प्रयास भी किए गए। लिहाजा संभवता प्रशासन का ही प्रयास रहा कि दुर्गेठी पंचायत के तीन गांवों के मतदाताओं में से कुछ ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि कुठेड़ पंचायत के कलाह गांव में मात्र एक वोट पड़ा है। वहीं ,भरमौर विधानसभा क्षेत्र के बलमूई में स्थानीय मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। यहां चुनावी ड्यूटी पर तैनात चार कर्मचारियों के वोट डालने की सूचना है। इसी तरह किलोड़ पंचायत के कलमला केंद्र पर भी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया, तो कलौंस व एहलमी में भी वोट न पड़ने की सूचना है।

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