Earthquake in Himachal : 10 दिन के भीतर हिमाचल में तीसरी बार भूकंप, कांगड़ा रहा केंद्र

पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस बार भूकंप का केंद्र कांगड़ा जिले में जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। पिछले 10 दिनों में तीसरी बार हिमाचल में भूकंप आया है।
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हिमाचल प्रदेश में सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस बार भूकंप का केंद्र कांगड़ा जिले में जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। पिछले 10 दिनों में तीसरी बार हिमाचल में भूकंप आया है। इससे लोगों में दहशत का माहौल है।        मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक, प्रदेश में सोमवार सुबह 10ः58 मिनट पर कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.8 रही। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण कांगड़ा जिला में जान-माल के नुकसान की रिपोर्ट नहीं है।  Earthquake of Magnitude:2.8, Occurred on 26-12-2022, 10:58:55 IST, Lat: 32.37 & Long: 76.84, Depth: 5 km,Location: Kangra Himachal Pradesh.

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस बार भूकंप का केंद्र कांगड़ा जिले में जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। पिछले 10 दिनों में तीसरी बार हिमाचल में भूकंप आया है। इससे लोगों में दहशत का माहौल है। 


मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक, प्रदेश में सोमवार सुबह 10ः58 मिनट पर कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.8 रही। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण कांगड़ा जिला में जान-माल के नुकसान की रिपोर्ट नहीं है।

गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से प्रदेश में लगातार भूकंप के झटके लग रहे हैं। बीते 21 दिसंबर को लाहौल-स्पीति जिले में 2.6 और 16 दिसंबर को किन्नौर जिला में 3.4 की तीव्रता का भूकंप आया था। वर्ष 1905 में कांगड़ा और चम्बा जिलों में आए विनाशकारी भूकंप में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए थे। हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील जोन चार व पांच में आता है।
 

क्यों आता है भूकंप

गौरतलब है कि जब पृथ्वी की सतह के नीचे ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस वजह से हिमालय क्षेत्र में भूकंप आता है। भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है। पांचवां जोन सबसे ज्यादा खतरे वाला माना जाता है। पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं।

 

भूकंप आए तो क्या करें 

अगर भूकंप के दौरान आप मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत में मौजूद हैं तो वहां से बाहर निकलकर खुले में आ जाएं। इसके बाद खुले मैदान की ओर भागें। भूकंप के दौरान खुले मैदान से ज्यादा सुरक्षित जगह कोई नहीं होती। भूकंप आने की स्थिति में किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों। अगर आप ऐसी बिल्डिंग में हैं, जहां लिफ्ट हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। ऐसी स्थिति में सीढ़ियों का इस्तेमाल करना ही उचित होता है।


भूकंप के दौरान घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें। इसके अलावा घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं। भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं, ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है।

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