फतेहपुर उपचुनाव: भापजा सगंठन मंत्री पवन को कृपाल परमार ने कहा 'धैर्य रखिए'
हिमाचल प्रदेश भाजपा के संगठन सचिव पवन राणा के ट्वीट भाग्य के दरवाजे के खिलाफ सिर रौंदने के बजाय भाग्य का दरवाजा खोलने के लिए कर्म का तूफान बनाना चाहिए का जवाब दिया।
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान होने से पहले भाजपा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। दो सीटों पर भाजपा ने जनता को दिखाने के लिए बागियों को शांत तो कर दिया था, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ है। अर्की से गोविंद शर्मा को भाजपा मनाने में कामयाब तो हुई है, लेकिन उन्होंने साफ कहा है कि वह अर्की में भाजपा के लिए प्रचार नहीं करेंगे। वहीं, जुब्बल-कोटखाई से भाजपा के आईटी विभाग के संयोजक रहे चेतन बरागटा ने निर्दलीय नामांकन भर दिया है, जिसके बाद उन्हें भाजपा से निष्कासित कर दिया है।
उधर, अब फतेहपुर में टिकट के दावेदार कृपाल सिंह परमार का दर्द टिकट ना मिलने पर पहले छलका था और अब हिमाचल भाजपा के सगंठन मंत्री पवन राणा के ट्वीट पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी है। इससे साफ है कि फतेहपुर में भी भाजपा के लिए सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि कृपाल सिंह परमार ने नामांकन पत्र नहीं भरा है। मगर वह भी आधे-अधूरे मन से भाजपा के साथ हैं। फतेहपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए भाजपा ने ज्वाली के बलदेव सिंह को मैदान में उतारा है। ऐसे में अब कृपाल सिंह परमार का दर्द छलकना लाजिमी हो गया है।
दरअसल, आरएसएस नेता और हिमाचल प्रदेश भाजपा के संगठन सचिव पवन ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, “भाग्य के दरवाजे के खिलाफ सिर रौंदने के बजाय भाग्य का दरवाजा खोलने के लिए कर्म का तूफान बनाना चाहिए।” इस ट्वीट को फेसबुक पर शेयर करते हुए कृपाल सिंह परमार ने जवाब दिया है। पूर्व सांसद एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल सिंह परमार ने लिखा, “आदरणीय पवन जी 2022 में कर्मों की आंधी बनाने के लिए सैकड़ों आएंगे, धैर्य रखिए।”
यहां बता दें कि चुनाव की शुरुआत में कृपाल टिकट के दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने बलदेव ठाकुर को टिकट दिया। बलदेव ने 2017 का चुनाव आजाद लड़ा था और इसी वजह से कृपाल परमार चुनाव हार गए थे। कृपाल परमार को सीएम जयराम ठाकुर ने मना तो लिया है, लेकिन वह नाखुश हैं। इससे पहले, सात अक्टूर को टिकट कटने के बाद उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया, “मुझे जिंदगी का इतना तुजुर्बा तो नहीं, पर सुना है सादगी और ईमारदार में अपने ही लोग जीने नहीं देते।” कृपाल परमार 2000 से 2006 से भाजपा सांसद रह चुके हैं और मौजूदा समय में भाजपा उपाध्यक्ष हैं।
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