Dharamshala: वन मंत्री बोले-पुलिस आरक्षियों की वेतन विसंगतियों के लिए कांग्रेस जिम्मेदार

प्रेस बयान में वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2015 को अधिसूचना जारी की गई थी। इसमें 2015 तथा इसके पश्चात सभी आरक्षियों को नियमित वेतन आठ वर्ष के कार्यकाल के बाद देने का प्रावधान किया गया था।
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राकेश पठानिया

धर्मशाला। वन एवं युवा खेल सेवाएं मंत्री राकेश पठानिया (Forest Minister Rakesh Pathania) ने कहा कि हिमाचल पुलिस (Himachal Police) में वेतनमान की विसंगतियों (Pay Discrepancy) के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार (Congress) ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) के कार्यकाल में ही वेतन विसंगति शुरू हुई हैं। यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2015 को अधिसूचना जारी की गई थी। इसमें 2015 तथा इसके पश्चात सभी आरक्षियों को नियमित वेतन आठ वर्ष के कार्यकाल के बाद देने का प्रावधान किया गया था।


उन्होंने (Forest Minister Rakesh Pathania) कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के सभी विभागों को देय वेतनमान 2012 की वित विभाग (finance department) की अधिसूचना के तहत संचालित है लेकिन पुलिस विभाग (Police department) के आरक्षियों को पूर्व कांग्रेस कार्यकाल में जारी 2015 की अधिसूचना के कारण विसंगतियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी कर्मचारियों की हितैषी नहीं रही है, झूठ का सहारा लेकर लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार (BJP GOV'T) ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा सार्थक पहल की है। 


वन मंत्री ने कहा कि गत माह ही जेसीसी (JCC MEETING) की बैठक में कर्मचारियों के कई मामलों को सुलझाया गया है तथा नए वेतनमान देने के लिए भी प्रक्रिया आरंभ करने की पहल भी की जा रही है। इसी के साथ कर्मचारियों के अनुबंध काल (Contract Period) को भी घटाकर दो वर्ष किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में ही पुरान पेंशन स्कीम बंद की गई है। पूर्व की कांग्रेस सरकारों के गलत निर्णयों के कारण ही आम जनमानस को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि करूणामूलक आधार पर सरकारी क्षेत्र में नौकरी के लिए प्राथमिकता दी जा रहा है।


उल्लेखनीय है कि हिमाचल पुलिस बल पर सरकार की वेतन विसंगति की मार पड़ रही है। वर्ष 2000 में सिपाही भर्ती होने के बाद साल 2009 में हवलदार के पद पर पदोन्नत होने वाले पुलिस कर्मियों का वेतन 2021 में 51 हजार है, जबकि 2008 से 2012 के बीच सिपाही भर्ती हुए जवान 2021 में भी बतौर सिपाही सेवाएं दे रहे हैं। इनका वेतन 58 हजार रुपये है। हवलदार निचले रैंक के सिपाही से भी कम वेतन लेकर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। साल 2013 के बाद पुलिस कर्मियों को नियमित आधार पर सिपाही भर्ती करने के बावजूद तनख्वाह 8 वर्षों तक अनुबंध आधार पर दी जा रही है। 


नए नियमों के अनुसार अन्य सभी विभागों के कर्मचारियों को मात्र दो वर्षों के अनुबंध के बाद से नियमित रूप से सेवा में लाकर बढ़ी हुई तनख्वाह और अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। पुलिस कर्मियों को अलाउंस के नाम पर भी ठगा जा रहा है, उन्हें कन्वेयन्स अलाउंस के 20 रुपये, किट मेंटेनेंस अलाउंस 30 और राशन अलाउंस 210 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। हाउस रेंट अलाउंस बेसिक तनख्वाह के हिसाब से न्यूनतम 400 और अधिकतम 600 रुपये प्रति माह दिया जाता है।

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