हिमाचल में 8.7% पहुंची बेरोजगारी दर, CMIE की रिपोर्ट में जानिए देश का हाल
हिमाचल में अगस्त की तुलना में सितंबर में बेरोजगारी दर 5% बढ़ गई है। बेरोजगारी के मामले में हरियाणा की स्थिति ज्यादा खराब है जहां यह दर 20.3% चल रही है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने देश में बेरोजगारी दर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार कई राज्यों में बेरोजगारी दर दो अंकों में है, लेकिन उम्मीद जताई गई है कि जल्द हालात सुधरेंगे। कोरोना महामारी की हालत सुधरने और लॉकडाउन खत्म होने के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। CMIE की रिपोर्ट बताती है कि उत्तर भारत समेत कई राज्यों में बेरोजगारी दर दोहरे अंक में है जोकि चिंता का विषय है।
देश में कुछ राज्य ऐसे भी हैं जिन्होंने चिंता बढ़ाई है। जम्मू-कश्मीर में अगस्त की तुलना में सितंबर में बेरोजगारी दर 8% बढ़ गई है। सितंबर महीने का आंकड़ा देखें तो यह 8 महीने के उच्च स्तर पर है। यही हाल पुडुचेरी का है जहां अगस्त की तुलना में सितंबर में 3% बेरोजगारी बढ़ी है। हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर अगस्त की तुलना में 5% बढ़कर 8.7 फीसदी पर पहुंच गई। अगस्त में हिमाचल में 3.7% बेरोजगारी थी।
रिपोर्ट बताती है कि पंजाब में सितंबर में बेरोजगारी दर बढ़कर 9.3% पर पहुंच गई है, जबकि पहले यह रेट 3.3% थी। तमिलनाडु में बेरोजगारी की दर अगस्त में 6.3% थी जो अब बढ़कर 7% पर पहुंच गई है। हरियाणा की स्थिति ज्यादा खराब है जहां यह दर 20.3% चल रही है। हालांकि अगस्त से थोड़ी राहत है जब बेरोजगारी की दर 35.7% थी। राजस्थान में अगस्त में यह दर 26% के आसपास थी जो सितंबर में घटकर 18% के लगभग आंकी गई है।
CMIE की रिपोर्ट के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली में बेरोजगारी दर पिछले तीन महीने से लगातार बढ़ती जा रही है। जून में यह दर 8.8%, जुलाई में 10.7% और अगस्त में 11.6% हो गई। सितंबर में यह दर 16.8% पर पहुंच गई। रिपोर्ट में पता चला है कि कोरोना के लॉकडाउन में ढिलाई के बाद कई क्षेत्र खुले हैं। आईटी जैसे क्षेत्रों में नौकरियां लौटी हैं, लेकिन टूरिज्म, टेक्सटाइल्स, ऑटोमोबिल और सीमेंट के क्षेत्र में नौकरियों की तंगी बरकरार है।
CMIE की रिपोर्ट से पता चलता है कि दिल्ली के साथ-साथ राजस्थान, झारखंड, हरियाणा, बिहार समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में बेरोजगारी दर दहाई अंक में है। बिहार में 10% जो कि अगस्त में 13.6% थी। उत्तर प्रदेश में सितंबर में 5%, जबकि अगस्त में 7% थी। उत्तराखंड में सितंबर में 4.1% जबकि अगस्त में 6.2% आंकी गई। अगर राष्ट्रीय औसत की बात करें तो अगस्त महीने में 8.3 फीसदी थी जो सितंबर में कुछ सुधार के साथ 6.9 फीसदी पर पहुंच गई। आने वाले समय में इसमें और सुधार की उम्मीद बताई जा रही है।
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