रिश्वत के साथ गिरफ्तार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारी की गाड़ी से मिले ₹2.50 लाख

राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की परवाणू स्थित सेंट्रल लैब के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर की गाड़ी से 2.50 लाख रुपये और अधिकारी के बैग से 85 हजार रुपये भी बरामद किए हैं।
 | 
विजिलेंस की सतर्कता से हिमाचल प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले उजागर होने लगे हैं। विजिलेंस की टीम ने अब हिमाचल प्रदेश के एक बड़े अधिकारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया है। यह अधिकारी हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) केंद्रीय प्रयोगशाला परवाणू में तैनात है। अधिकारी को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में वीरवार को ₹35 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी के पास लाखों रुपये मिले हैं। राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ऊना टीम ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की परवाणू स्थित सेंट्रल लैब के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर डॉक्टर तेज बहादुर सिंह की गाड़ी से 2.50 लाख रुपये और अधिकारी के बैग से 85 हजार रुपये भी बरामद किए हैं। रिश्वत के आरोपी तेज बहादुर सिंह को शुक्रवार को कोर्ट (Court) में पेश किया गया, जहां से तेज बहादुर सिंह को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीएसपी अनिल मेहता ने मामले की पुष्टि की है।

यह भी पढ़ेंः-हिमाचल कैबिनेट बैठक, 7 अप्रैल को आउटसोर्स कर्मियों पर होगा फैसला

राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीएसपी अनिल मेहता ने बताया कि रिश्वत के 35 हजार रुपये के अतिरिक्त अधिकारी के कब्जे से 3.35 लाख रुपये की बरामदगी और हुई है। यह पैसा कहां से आया इसके बारे में भी अधिकारी से जानकारी जुटाई जा रही है। गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से सटे एक कस्बा क्षेत्र निजी चिकित्सालय के संचालक ने विजिलेंस से संपर्क करते हुए इस अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता डॉक्टर ने बताया था कि उन्होंने अपने अस्पताल में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है और जिसके लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से सहमति पत्र की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ेंः-हिमाचल के 1.80 लाख कर्मचारियों को आज मिलेगा नए वेतनमान का लाभ

वहीं, इस सहमति पत्र के लिए बोर्ड की सेंट्रल लैब के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर द्वारा 35 हज़ार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है। इसी के चलते विजिलेंस द्वारा जाल बिछाकर मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी तेज बहादुर सिंह को उसी के कार्यालय में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया गया था। आरोप है कि अधिकारी ने ऊना के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर से अस्पताल में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना के लिए सहमति पत्र जारी करने यह रिश्वत मांगी थी। गौरतलब है कि स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो के एडीजीपी एसपी सिंह और आईजी रामेश्वर ठाकुर की अगुवाई में भ्रष्टाचार के मामलों पर लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है।

यह भी पढ़ेंः-Him Care Scheme: हिमकेयर कार्ड एक साल के लिए या तीन के लिए विकल्प है आपके पास

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।