शिमला शहर में शुरू होगा नो हार्न कैंपेन, जानें अभियान को शुरू करने की वजह

उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने Shimla में ‘No Horn’ campaign शुरू करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) पर नियंत्रण रखना है।
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उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज हिमाचल परिवहन विकास एवं सड़क सुरक्षा परिषद की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने Shimla में ‘No Horn’ campaign शुरू करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) पर नियंत्रण रखना है। इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में ‘No Horn’ जागरूकता पुस्तिकाएं भी बांटी जाएंगी।  बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए Road Safety के अंतर्गत चल रही विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। यह बताया गया कि इस वर्ष INR 23.92 करोड़ की राशि Transport, Police, Health, Education, Public Works Departments द्वारा सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों पर खर्च की जाएगी। पिछले वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में 13% की कमी और मृत्यु दर में 14.6% की गिरावट दर्ज की गई है, जो इन प्रयासों का परिणाम है।

शिमला। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शनिवार को हिमाचल परिवहन विकास एवं सड़क सुरक्षा परिषद की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने Shimla में ‘No Horn’ campaign शुरू करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) पर नियंत्रण रखना है। इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में ‘No Horn’ जागरूकता पुस्तिकाएं भी बांटी जाएंगी।

बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए Road Safety के अंतर्गत चल रही विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। यह बताया गया कि इस वर्ष INR 23.92 करोड़ की राशि Transport, Police, Health, Education, Public Works Departments द्वारा सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों पर खर्च की जाएगी। पिछले वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में 13% की कमी और मृत्यु दर में 14.6% की गिरावट दर्ज की गई है, जो इन प्रयासों का परिणाम है।

उप-मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी stakeholder departments इन गतिविधियों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें और उनकी नियमित monitoring और समीक्षा सुनिश्चित करें। इसके अलावा, प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेषकर Paonta Sahib से Una तक, अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चरणबद्ध तरीके से CCTV cameras लगाए जाएंगे।

उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज हिमाचल परिवहन विकास एवं सड़क सुरक्षा परिषद की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने Shimla में ‘No Horn’ campaign शुरू करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) पर नियंत्रण रखना है। इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में ‘No Horn’ जागरूकता पुस्तिकाएं भी बांटी जाएंगी।  बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए Road Safety के अंतर्गत चल रही विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। यह बताया गया कि इस वर्ष INR 23.92 करोड़ की राशि Transport, Police, Health, Education, Public Works Departments द्वारा सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों पर खर्च की जाएगी। पिछले वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में 13% की कमी और मृत्यु दर में 14.6% की गिरावट दर्ज की गई है, जो इन प्रयासों का परिणाम है।

बैठक में Supreme Court Road Safety Committee के निर्देशों के अनुसार सड़क सुरक्षा अधिनियम और नियमों की तैयारी पर भी चर्चा की गई। उप-मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार करने और संबंधित departments के अधिकारियों को इन गतिविधियों की नियमित निरीक्षण और निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने Road Safety Cell में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए भी प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया। बैठक में विभिन्न department heads और अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

'No Horn' अभियान शुरू करने का मकसद:

  1. ध्वनि प्रदूषण को कम करना : शहरी क्षेत्रों, विशेषकर शिमला जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में, वाहनों के हॉर्न का अनावश्यक उपयोग ध्वनि प्रदूषण का प्रमुख कारण है। इस अभियान का उद्देश्य इस प्रदूषण को नियंत्रित करना है, जिससे लोगों की सेहत और पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके।

  2. लोगों में जागरूकता बढ़ाना : इस अभियान के माध्यम से लोगों को हॉर्न का उपयोग केवल आवश्यक परिस्थितियों में करने के प्रति जागरूक करना है। इसके लिए जागरूकता पुस्तिकाएं बांटी जाएंगी, ताकि लोग इस समस्या के बारे में समझ सकें और अपनी आदतों में बदलाव ला सकें।

  3. शहर की शांति और सौहार्द्र बनाए रखना : शिमला जैसे पर्यटन स्थल में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित कर शहर की शांति और वातावरण को बनाए रखना भी इस अभियान का एक मुख्य उद्देश्य है, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों दोनों को एक शांतिपूर्ण वातावरण मिल सके।

  4. सड़क सुरक्षा में सुधार : हॉर्न का अनियंत्रित उपयोग न केवल ध्वनि प्रदूषण का कारण बनता है, बल्कि सड़क पर चलने वाले लोगों के ध्यान को भी भटकाता है। इस अभियान का लक्ष्य सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाना है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना को कम किया जा सके।

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