हाटी समुदाय को एसटी का मामला लटका, अधिसूचना पर हिमाचल हाईकोर्ट ने लगाई रोक

सिरमौर के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का मामला एक बार फिर से लटक गया है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की अधिसूचना के लागू होने पर रोक लगा दी है।

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Himachal Pradesh High Court

शिमला। जिला सिरमौर के ट्रांसगिरी क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा (ST) देने का मामला एक बार फिर से लटक गया है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य की सुक्खू सरकार की अधिसूचना के लागू होने पर रोक लगा दी है। सुक्खू सरकार ने तीन दिन पहले हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा प्रदान किया था। 

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गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति और गुर्जर समाज कल्याण परिषद जिला सिरमौर ने ट्रांसगिरि क्षेत्र के हाटी समुदाय को आरक्षण के प्रावधान को चुनौती दी थी। इस पर वीरवार को हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किए हैं। हालांकि केंद्र सरकार से कानून बनने के बाद हिमाचल सरकार ने भी इसको हरी झंडी दिखा दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट के विचाराधीन था। ऐसे में अब हाटी समुदाय के लोगों को प्रमाण पत्र लेने के लिए कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना पड़ेगा।

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इस मामले में याचिकाकर्ताओ के अधिवक्ता रजनीश ने बताया कि हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए संविधान संशोधन और प्रदेश सरकार की ओर से की गई अधिसूचना पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जनजातीय दर्जा देने के लिए स्थानीय समुदाय मानदंड को आधार बनाया जाता है। इसके तहत उस इलाके की आर्थिक पिछड़ेपन और साक्षरता को कसौटी पर रखा जाता है। हाटी समुदाय इन मानदंडों को पूरा करने में असफल रहा।

 

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हाईकोर्ट ने पाया कि ट्रांसगिरि क्षेत्र में रहने वाला हाटी समुदाय निर्धारित शैक्षणिक और आर्थिक प्रावधानों को पूरा नहीं कर पाया है। इस इलाके में एक गांव एशिया का सबसे अमीर माना जाता है। इसके साथ इस इलाके में 80 फीसदी साक्षरता दर है। उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी, तब तक हाटी को जनजातीय दर्जा मिलने पर रोक रहेगी। खास बात यह है कि पहली जनवरी को सुक्खू सरकार ने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने की केंद्र सरकार की अधिसूचना पर मोहर लगाई है। 

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बता दें कि ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967 से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से संघर्षरत थे। लगातार कई वर्षों तक संघर्ष के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय की मांग को 14 सितंबर 2022 को अपनी मंजूरी दी थी। उसके बाद केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को इस बिल को लोकसभा से पारित करवाया। उसके बाद यह बिल राज्यसभा से भी पारित हो गया।

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राज्यसभा से पारित होने के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इसे राष्ट्रपति के लिए भेजा गया था। 9 दिनों में ही राष्ट्रपति ने विधेयक पर लगाई मुहर लगा दी थी। हाटी समुदाय में करीब 2 लाख लोग 4 विधानसभा क्षेत्र शिलाई, श्रीरेणुकाजी, पच्छाद तथा पांवटा साहिब में रहते हैं। जिला सिरमौर की कुल 269 पंचायतों में से ट्रांसगिरी में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों तथा उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है।

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