हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिवों को नहीं मिलेंगी मंत्रियों की तरह सुविधाएं

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्य संसदीय सचिवों को मिल रही सुविधाओं पर रोक लगा दी है। इससे मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मामले में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार को बड़ा झटका लगा है।

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हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) की नियुक्ति के मामले में कांग्रेस सरकार को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (HP High Court) ने मुख्य संसदीय सचिवों (CPS's) को मिल रही सुविधाओं पर रोक लगा दी है। अब कोई भी मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मंत्रियों जैसी सुविधाएं नहीं ले पाएगा। यह अंतरिम आदेश बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप शर्मा और जस्टिस विवेक ठाकुर की खंडपीठ ने पारित किए। अब मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी। 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) की नियुक्ति के मामले में कांग्रेस सरकार को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (HP High Court) ने मुख्य संसदीय सचिवों (CPS's) को मिल रही सुविधाओं पर रोक लगा दी है। अब कोई भी मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मंत्रियों जैसी सुविधाएं नहीं ले पाएगा। यह अंतरिम आदेश बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप शर्मा और जस्टिस विवेक ठाकुर की खंडपीठ ने पारित किए। अब मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी। 


मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए 12 भाजपा विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर प्रदेश हाईकोर्ट में पिछले दो दिन सुनवाई हुई। भाजपा विधायकों की ओर से हाईकोर्ट में केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट सत्यपाल जैन ने पत्रकारों को बताया कि कोई भी सीपीएस अब मंत्रियों के समान काम नहीं कर पाएंगे और न ही सुविधाएं ले पाएगा। हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी। 

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 में किए गए संशोधन के मुताबिक किसी भी प्रदेश में मंत्रियों की संख्या विधायकों की कुल संख्या का 15 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती। यानी प्रदेश में अधिकतम 12 मंत्री लगाए जा सकते हैं। याचिकाकर्ताओं के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मंत्री और मुख्य संसदीय सचिवों की संख्या 15 फीसदी से ज्यादा हो गई है। इसलिए सीपीएस की नियुक्तियों को भाजपा विधायकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।


हिमाचल में हैं छह मुख्य संसदीय सचिव

हिमाचल प्रदेश में मौजूदा वक्त में छह मुख्य संसदीय सचिव हैं। इनमें कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, दून से राम कुमार और अर्की से संजय अवस्थी शामिल हैं। भाजपा के वरिष्ठ विधायक सतपाल सिंह सत्ती के साथ अन्य 11 भाजपा विधायकों ने इस नियुक्ति को चुनौती दी है। भाजपा विधायकों के साथ पीपल का रिस्पांसिबल गवर्नेंस संस्था ने भी इसी मामले में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट दोनों याचिकाओं को क्लब कर सुनवाई कर रहा है।

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