Russia Ukraine War: पढ़ाई करने युक्रेन गई शाहपुर की शिवालिका को महीने में ही लौटना पड़ा घर

युक्रेन में फंसी शाहपुर की शिवालिका सोमवार को अपने घर सकुशल पहुंच गई। शिवालिका की घर वापसी से परिजनों और रिश्तेदारों में जहां खुशी का माहौल है, वहीं बच्ची के भविष्य की चिंता की शिकन भी है।
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रूस के हमले के बाद युक्रेन में फंसी शाहपुर की शिवालिका सोमवार को अपने घर सकुशल पहुंच गई। शिवालिका की घर वापसी से परिजनों और रिश्तेदारों में जहां खुशी का माहौल है, वहीं बच्ची के भविष्य की चिंता की शिकन भी है। सोमवार सुबह दिल्ली से कांगड़ा पहुंची शिवालिका को परिजन कांगड़ा बस स्टैंड से घर लेकर आए। गांव के लोग और रिश्तेदार शिवालिका का इंतजार कर रहे थे। शिवालिका ने सकुशल अपने घर की दहलीज पर कदम रखा तो आंखों से आंसू भी छलक आए। 

शाहपुर। रूस के हमले के बाद युक्रेन में फंसी शाहपुर की शिवालिका सोमवार को अपने घर सकुशल पहुंच गई। शिवालिका की घर वापसी से परिजनों और रिश्तेदारों में जहां खुशी का माहौल है, वहीं बच्ची के भविष्य की चिंता की शिकन भी है। सोमवार सुबह दिल्ली से कांगड़ा पहुंची शिवालिका को परिजन कांगड़ा बस स्टैंड से घर लेकर आए। गांव के लोग और रिश्तेदार शिवालिका का इंतजार कर रहे थे। शिवालिका ने सकुशल अपने घर की दहलीज पर कदम रखा तो आंखों से आंसू भी छलक आए। 

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जानकारी के अनुसार शिवालिका 7 फरवरी 2022 को ही शाहपुर स्थित अपने घर से पढ़ाई करने युक्रेन गई थी और आज पूरे एक माह बाद यानी 7 मार्च को पढ़ाई छोड़कर फिर घर वापस पहुंच गई है। शिवालिका के युक्रेन में पहुंचने के कुछ दिन बाद ही रूस ने युक्रेन पर हमला कर दिया था। युद्ध के हालात में वह वहां कई छात्र फंस गए थे। बताया जा रहा है कि युक्रेन की खार्कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए भारत कई छात्र आज भी जिंदगी और मौत के बीच में जद्दोजहद कर रहे हैं। 

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के अभी तक 150 के करीब छात्र यूक्रेन में अपने स्वदेश और हिमाचल आने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। सकुशल घर वापसी के बाद शिवालिका ने बताया कि जो हालात उन्होंने युक्रेन में देखे हैं उनके बारे में सोच कर सिहरन पैदा हो जाती है। कई दिनों तक भूखे-प्यासे घंटों मौत के साये में पैदल चलना पड़ा। वहां के स्थानीय लोगों के बीच में बतौर विदेशी उनकी मुखालफत और खिलाफत का शिकार होते हुए जैसे-तैसे पॉलैंड बॉर्डर पर पहुंचे, जहां से वापसी हो सकी है।

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बेटी के लौटने की खुशी पर भविष्य की चिंता भी
शिवालिका की माता बृजला शर्मा ने बताया कि बेटी के भविष्य को देखते हुए ही उसे पढ़ाई करने विदेश भेजा था। इसके लिए लाखों रुपये खर्च कर दिए, मगर उन्हें क्या मालूम था कि हालात इस तरह के हो जाएंगे। अब बेटी की वापसी की खुशी तो है, मगर साथ ही उसके भविष्य को लेकर अभी से चिंता होने लगी है। उन्होंने कहा कि भारत और हिमाचल सरकार से धन्यवाद, जिनकी बदौलत बेटी सुरक्षित लौट सकी है। उन्होंने कहा कि सरकार को युक्रेन में फंसे छात्र को निकाल कर उनके भविष्य को भारत में हल निकालना चाहिए।

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