हमीरपुर । नई शिक्षा नीति के तहत बन रहे राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF) में पहली बार प्रारंभिक स्तर पर प्री-प्राईमरी (Pre - Primary) व प्रौढ़ शिक्षा (Adult Education) के लिए अलग से फ्रेमवर्क (Framework) तैयार होगा। कक्षा 1 से 12 का 15 साल पुराना पाठ्यक्रम (Old Syllabus) बदलेगा और नए एनसीएफ (NCF) में नई शिक्षा नीति अनुसार नई पाठ्य पुस्तकें (New Text Books) लिखने का काम शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। इसके लिए 4 कॅरिकुलम फ्रेमवर्क (Curriculum Framework) पर काम होगा, जिसमें अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन, स्कूल एजुकेशन, टीचर एजुकेशन और एडल्ट एजुकेशन करिकुलम का नेशनल फ्रेमवर्क (National Framework) तैयार होगा व बाद में पाठ्यक्रम तैयार होगा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New National Education Policy) पर अमल का सूत्र वाक्य ‘नेशन फर्स्ट- करेक्टर मस्ट' होगा और इसके अनुरूप पाठ्यक्रम ढांचा, पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक तैयार करने की सम्पूर्ण प्रकिया वर्ष 2023 -24 तक पूरी कर ली जायेगी। यह जानकारी टीजीटी (TGT) कला संघ महासचिव विजय हीर (Vijay Heer) ने देते हुए बताया कि एनसीएफ (NCF) को पाठ्यक्रम, पठन पाठन एवं मूल्यांकन के विविध आयामों को ध्यान में रखकर तैयार किया जायेगा। जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) की सिफारिशों के अनुरूप होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के अनुरूप छात्रों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए ‘सर्वांगीण मूल्यांकन' की रूपरेखा तैयार करने का काम भी शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार एससीईआरटी (SCERT) के माध्यम से अगले साल 30 अप्रैल तक एनसीईआरटी (NCERT) को स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क (Framework) का मसौदा भेज देंगे। वहीं अगस्त 2022 तक नया सिलेबस तैयार कर दिया जाएगा तथा अप्रैल 2023-24 तक नई पाठ्य पुस्तकें छात्रों को प्राप्त हो जाएंगी।
नए पाठ्यक्रम (New Syllabus) के लिए स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए एससीईआरटी (SCERT) और डाइट्स मिलकर योजना तैयार करेगा। विज्ञान और गणित विषय में 'द्विभाषी किताबें' तैयार करने पर विचार होगा और पाठ्य पुस्तके (Text Books) प्रिंट और डिजिटल प्रारूप में भी उपलब्ध होंगी। जिसमें अतिरिक्त डिजिटल सामग्री के साथ त्वरित प्रतिक्रिया यानि क्यूआर कोड शामिल होंगे। पाठ्यक्रम को लेकर बदलाव निर्णय में यह तय किया गया है कि इतिहास भूगोल और साहित्य के सिलेबस में स्थानीय चीजों को भी शामिल करना चाहिए।
इसी के साथ दूसरी व तीसरी क्लास के लिए किताबें अमर- चित्र कथा जैसे हो, व उस पाठ्यक्रम में कॉमिक जैसे दो तीन पाठ हो कुछ पाठ को समझने के लिए नाटकीय सहारा भी लेना चाहिए । इसी के साथ पाठ्यक्रम (Syllabus) में लोकल कंटेंट भी शामिल किया जाएगा। इतिहास (History) के विषय में 17 पाठ प्राचीन इतिहास से एवं 3 पाठ स्थानीय इतिहास से भी जुड़े होंगे। यह बदलाव इतिहास के साथ-साथ भूगोल और साहित्य के लिए भी किया जा सकता है। अब से नए पाठ्यक्रम (New Syllabus) में ऐसी कोई कविताएं एवं पाठ शामिल नहीं किए जाएंगे, जिसका कोई सार नहीं निकलता हो।