हि.प्र. विज्ञान अध्यापक संघ ब्लॉक बिझड़ी की बैठक BRCC कार्यालय गारली में संपन्न

बैठक में शिक्षा से जुड़े हुए सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। चर्चा में बीआरसीसी (BRCC) अपर प्राइमरी अजय शर्मा (Ajay Sharma) भी मौजूद रहे।
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हमीरपुर ।   हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक (Science Teacher) संघ ब्लॉक बिझड़ी (Bijhari) के प्रधान कमल कमल चौहान (Kamal Chauhan), जनरल सेक्टोरी वीरेंदर कुमार व कोषाध्यक्ष नवनीत जसवाल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन बीआरसीसी (BRCC) कार्यालय गारली (Gaarli) में संपन्न हुई। बैठक में शिक्षा से जुड़े हुए सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। चर्चा में बीआरसीसी (BRCC) अपर प्राइमरी अजय शर्मा भी मौजूद रहे। इस चर्चा में सबसे बड़ा मुद्दा न्यू पेंशन (Pensionn) स्कीम को हटाना व ओल्ड पेंशन (Old Pensionn) स्कीम का अपनाना रहा। इसमें सभी साथियों ने बढ़ चढ़कर भाग लेने व किसी भी तरह की रैली करने या सरकार से मिलने  के लिए अपनी तत्परता दिखाई।


दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता मिलें। उस पर रहा आपको बताते चलें कि यह वह मुद्दा है जिसमें 2009 के बाद के जितने भी साथी शिक्षा विभाग में या किसी अन्य विभाग में लगे हैं। उनकी सीनियरिटी का है क्योंकि जो  लोग उनके बाद के हैं या किसी अन्य पद से प्रोमोट हुए हैं, उनको सिनोरिटी में आगे कर दिया गया। अत: हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक  (Science Teacher) संघ पुरजोर कोशिश कर रहा है कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो। अनुबंद अध्यापक संघ भी सरकार  के समक्ष बहुत बार इस बारे में अपनी बात रख चुका है, लेकिन तव भी सरकार मूकदर्शक बनकर इस समस्या का समाधान में अपनी कोई रूचि नहीं दिखा रही है। विज्ञान अध्यापक संघ पुरजोर कोशिश में लगा है कि इसका समाधान कैसे और किस तरीके से किया जाए।

बैठक में  तीसरा मुद्दा विज्ञान अध्यापक साथियों से संबंधित रहा, जिसमें प्रत्येक विज्ञान अध्यापक (Science Teacher)  को 150 रूपए प्रैक्टिकल भत्ता दिया जाता है जो तकरीबन पिछले कई वर्षों  स्थिर हैं। विज्ञान अध्यापक (Science Teacher)  साथी इसे 1000 रूपए करने की मांग उठाते रहे हैं। विज्ञान अध्यापक साथी मांग करते हैं कि या तो 150 रूपए हमारी बेसिक में जोड़ दिए जाएं या हमारा प्रैक्टिकल भत्ता 150 रूपए से 1000रूपए  कर दिया जाए। बैठक में चौथा सबसे बड़ा मुद्दा बैंक में एचडीएफसी (HDFC) के खाते खोलने का रहा, जिसमें एचडीएफसी (HDFC) के कर्मचारी स्कूल का खाता खोलने के लिए तो स्कूल  पहुंच रहे हैं। लेकिन बच्चों के खाते खोलने के लिए वह या तो इंकार कर रहे हैं या तो कंडीशन रख रहे हैं फिर बच्चे के खाते में 2500 रूपए का होना अनिवार्य है।

विज्ञान अध्यापक (Science Teacher)  संघ इसका कड़ा विरोध करता है कि बैंक बच्चों के खाते खोलने के लिए इंकार न करें और बच्चों को एक  सूत्रधारा  में लाने के लिए बिना कंडीशन खाता खोलें। बैठक का अंतिम मुद्दा बहुत ही गंभीरता से लिया जाए, जिसमें बच्चे स्कूल तो आ रहे हैं लेकिन वह एमडीएम (MDM) के राशन से जो उनको दोपहर को दिया जाता था से वंचित रह रहे हैं। विज्ञान अध्यापक (Science Teacher)  संघ का मानना है कि जब स्कूल सुचारु रुप से चल पड़े हैं तो एमडीएम के वर्कर्स  कोविड (Covid) के दोनों  टीके लगा चुके हैं। तो एमडीएम (MDM) का बंद होना बच्चों के प्रति और उनकी पौष्टिकता के प्रति ठीक नहीं है।

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सभी सरकारी स्कूलों में गरीब तबके से बच्चे आते हैं और कई बार वह घर से भी खाना खा कर नहीं आते हैं। अगर स्कूल में भी खाना न मिले तो समस्या और गंभीर है। अत: सरकार से विज्ञान अध्यापक (Science Teacher)  संघ की यह कुछ मांगे हैं जो शिक्षक और शिक्षा के हित दोनों में महत्वपूर्ण है और सरकार के समक्ष मांग के रूप में प्रस्तुत हैं। इस बैठक में राजीव कुमार, हंस राज, कमल देव शर्मा, विपिन धीमान, योग  राज, रजनीश कँवर,   सुखवंत सिंह, अजय कुमार, संजय कुमार, अश्वनी कुमार, किरण कुमारी,  रेनू पठानिया सहित लगभग 40 विज्ञान अध्यापकों भाग लिया।

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