मेडिकल कॉलेज चम्बा में आउटसोर्स कंपनी ने फर्जी दस्तावेज से किया गुमराह, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मेडिकल कॉलेज चम्बा में आउटसोर्स सेवाएं देने वाली दिल्ली की कंपनी के विरुद्ध दायर याचिका पर प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

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शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने मेडिकल कॉलेज चम्बा (Medical Collage Chamba) में आउटसोर्स सेवाएं (Outsource Service) देने  वाली कंपनी के विरुद्ध दायर याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया है। प्रदेश सरकार को दिल्ली की आउटसोर्स सेवाएं (Outsource Service) देने वाली कंपनी के विरुद्ध दायर याचिका पर तीन सप्ताह में जवाब देना होगा।

मुख्य न्यायाधीश एए सईद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ता कारपोरेट केयर ने दातार सिक्योरिटी ग्रुप पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रशासन को गुमराह करने का आरोप लगाया है। दलील दी गई है कि मेडिकल कॉलेज चम्बा ने फरवरी 2021 में अस्पताल के लिए आउटसोर्स सेवाओं की निविदाएं आमंत्रित की थी।

कंपनी ने झूठे और फर्जी दस्तावेज दिए

निविदा शर्तों के अनुसार आवेदक के पास 200 बिस्तर वाले अस्पताल में कम से कम तीन वर्ष काम करने का अनुभव होना जरूरी था। एक वर्ष और 10 माह के अनुभव के आधार पर प्रतिवादी दातार सिक्योरिटी ग्रुप (Datar Security Group) को आउटसोर्स सेवाएं प्रदान करने का ठेका दिया गया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रतिवादी ने झूठे और फर्जी दस्तावेज पेश किए हैं। 

सात दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

दलील दी गई है कि बारामती अस्पताल 2019 में स्थापित हुआ था, जबकि प्रतिवादी ने दो नवंबर 2018 को अस्पताल की ओर से जारी अनुभव प्रमाण पत्र पेश किया है। इससे स्पष्ट है कि प्रतिवादी कंपनी ने उस समय का प्रमाण पत्र पेश किया है, जिस समय बारामती अस्पताल की स्थापना ही नहीं हुई थी। याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी को दिए ठेके को रद्द करने की गुहार लगाई है। मामले की अगली सुनवाई सात दिसंबर को होगी

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