फोन छीनने पर 10वीं की छात्रा ने कर ली आत्महत्या, बच्चों में शॉर्ट टेम्पर्ड बढ़ने से चिंता बढ़ी
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के किच्छा में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक 17 वर्षीय छात्रा ने अपनी मां द्वारा फोन छीनने के बाद फांसी लगाकर जान दे दी। यह दर्दनाक घटना लालपुर क्षेत्र में हुई, जब मां ने देर रात बेटी को फोन पर बात करते हुए देखा और उसका फोन छीन लिया। इस छोटी सी बात से नाराज़ छात्रा ने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और फिर अपनी जान ले ली।
मां ने बताया कि उन्होंने दरवाजा खुलवाने की काफी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहीं। जब परिवार के अन्य सदस्य पहुंचे और दरवाजा तोड़ा, तब तक उनकी बेटी चादर से फांसी लगाकर अपनी जिंदगी खत्म कर चुकी थी। इस हादसे ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया, और घर में मातम का माहौल है।
बच्चों का शॉर्ट टेम्पर्ड होना एक गंभीर मुद्दा
यह घटना बच्चों के शॉर्ट टेम्पर्ड होने की बढ़ती समस्या की ओर इशारा करती है। अक्सर बच्चे छोटी-छोटी बातों पर अत्यधिक प्रतिक्रिया देते हैं, खासकर जब उन्हें लगता है कि उनके निजी जीवन या स्वतंत्रता में हस्तक्षेप हो रहा है। इस घटना में भी, छात्रा ने फोन छीनने को लेकर इतना गुस्सा किया कि उसने गुस्से में अपनी जान तक ले ली।
बच्चों के गुस्से का जल्दी बढ़ जाना और उसे संभालने में असमर्थ होना एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है। यह स्थिति माता-पिता और शिक्षकों के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है। किशोरावस्था में बच्चे अक्सर अपने इमोशंस को सही ढंग से व्यक्त नहीं कर पाते, जिससे वे छोटी-मोटी बातों को भी बहुत बड़ा बना लेते हैं। जब उन्हें लगता है कि उनकी स्वतंत्रता या व्यक्तिगत स्पेस में दखल दिया जा रहा है, तो उनके शॉर्ट टेम्पर्ड होने की संभावना और बढ़ जाती है।
इस घटना से हमें यह सीखने की जरूरत है कि बच्चों के साथ संवाद करते समय संवेदनशीलता बरतना कितना जरूरी है। बच्चों को न केवल उनके व्यवहार पर ध्यान देने की जरूरत होती है, बल्कि उनकी भावनाओं को भी समझने और उन्हें सही तरीके से व्यक्त करने का मार्गदर्शन मिलना चाहिए।
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