हिमाचल के धाकड़ ऑलराउंडर ऋषि धवन ने लिमिटेड ओवर क्रिकेट से लिया संन्यास
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑलराउंडर ऋषि धवन ने रविवार को भारतीय सीमित ओवरों की क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। उन्होंने यह ऐलान विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 के ग्रुप चरण के अंतिम दिन के बाद किया, जब हिमाचल की टीम अगले चरण में जगह बनाने में असफल रही। हालांकि, 34 वर्षीय धवन इस सीजन में हिमाचल के लिए रणजी ट्रॉफी में खेलते हुए नजर आएंगे।
सोशल मीडिया पर किया भावुक ऐलान
ऋषि धवन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, "मैं भारी मन से भारतीय क्रिकेट (सीमित ओवर) से संन्यास लेने की घोषणा करता हूं। यह एक ऐसा खेल है, जिसने पिछले 20 वर्षों से मेरे जीवन को परिभाषित किया है। इस खेल ने मुझे अपार खुशी और अनगिनत यादें दी हैं, जो हमेशा मेरे दिल के करीब रहेंगी।"
उन्होंने आगे कहा, "साधारण शुरुआत से लेकर बड़े मंचों पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान रहा है। क्रिकेट मेरा जुनून और हर सुबह उठने का कारण रहा है। मैं अपने कोच, मेंटर, साथी खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ का आभार व्यक्त करता हूं।"
धवन का क्रिकेट करियर
ऋषि धवन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 2016 में चार अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, जिसमें तीन वनडे और एक टी-20 शामिल है। इसके बाद उन्हें दोबारा टीम इंडिया का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला।
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फर्स्ट क्लास क्रिकेट: 98 मैच, 4,824 रन और 353 विकेट।
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लिस्ट-ए क्रिकेट: 134 मैच, 2,906 रन और 186 विकेट।
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टी-20 क्रिकेट: 135 मैच, 1,740 रन और 118 विकेट।
धवन आईपीएल में मुंबई इंडियंस, पंजाब किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा रहे हैं। हालांकि, हाल के मेगा ऑक्शन में उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला।
रणजी ट्रॉफी में जारी रहेगा सफर
धवन ने अपने संदेश में स्पष्ट किया है कि वह केवल सीमित ओवरों के क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं और रणजी ट्रॉफी में हिमाचल के लिए खेलना जारी रखेंगे। उनके इस फैसले से हिमाचल प्रदेश क्रिकेट टीम को अनुभव का लाभ मिलेगा।
भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार
ऋषि धवन ने अपने बयान में कहा, "जैसे-जैसे मैं अपने जीवन के इस नए अध्याय की शुरुआत कर रहा हूं, मैं उत्साह और नए अवसरों को अपनाने के लिए तैयार हूं। मुझे विश्वास है कि क्रिकेट ने मुझे जो मूल्य सिखाए हैं, वे मेरे भविष्य को बेहतर दिशा देंगे।"
ऋषि धवन का यह फैसला उनके प्रशंसकों और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट के लिए भावुक पल है। उन्होंने अपनी मेहनत और खेल से हिमाचल को गौरवान्वित किया है और युवाओं के लिए प्रेरणा बने हैं।
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